कौन हैं नैनार नागेंद्रन? अन्नामलाई के बाद तमिलनाडु में संभाल सकते हैं भाजपा की कमान
- एआईएडीएमके की सरकार में मंत्री रह चुके नागेंद्रन का नाम भाजपा अध्यक्ष के तौर पर इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि वह अपनी पुरानी पार्टी के साथ गठबंधन को आसान बना सकते हैं।

तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। के. अन्नामलाई के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद अमित शाह पहली बार तमिलनाडु यात्रा पर हैं। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि भाजपा और अन्नाद्रमुक (AIADMK) के बीच संभावित गठबंधन के कारण अन्नामलाई को इस्तीफा देना पड़ा। उनकी जगह नैनार नागेंद्रन का नाम नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में प्रमुखता से उभरकर सामने आया है।
कौन हैं नैनार नागेंद्रन?
नैनार नागेंद्रन तमिलनाडु के तिरुनेलवेली क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं और राज्य की राजनीति में एक अनुभवी चेहरा माने जाते हैं। वे पहले अन्नाद्रमुक के सदस्य थे और जयललिता सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और पार्टी के भीतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
थेवर समुदाय से संबंध
नागेंद्रन का संबंध तमिलनाडु के प्रभावशाली थेवर समुदाय से है। वर्तमान में भाजपा और अन्नाद्रमुक दोनों के प्रमुख नेता के अन्नामलाई और ई पलानीस्वामी गौंडर समुदाय से आते हैं, जो कि पश्चिमी तमिलनाडु में प्रभावशाली है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व चाहता है कि पार्टी की कमान किसी अन्य समुदाय के नेता को सौंपी जाए, जिससे जातीय संतुलन बना रहे और गठबंधन की संभावनाएं मजबूत हों।
भाजपा में भूमिका
नैनार नागेंद्रन ने भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे दक्षिण तमिलनाडु में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं और संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी को राज्य के दक्षिणी हिस्सों में मजबूती मिलने की संभावना है।
एआईएडीएमके की सरकार में मंत्री रह चुके नागेंद्रन का नाम भाजपा अध्यक्ष के तौर पर इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि वह अपनी पुरानी पार्टी के साथ गठबंधन को आसान बना सकते हैं। सूत्रों का मानना है कि भाजपा 2026 के राज्य चुनावों से पहले एआईएडीएमके के साथ संबंधों को फिर से बनाना चाहती है। हालांकि, पार्टी में लोगों का एक वर्ग उनके एआईएडीएमके के साथ पिछले जुड़ाव को देखते हुए उनकी दावेदारी के खिलाफ है।
भाजपा अध्यक्ष बनने की राह में क्या है रोड़ा?
तमिलनाडु भाजपा विधायक दल के नेता नैनार नागेंद्रन को अगला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने में रोड़े भी सामने आ सकते हैं। तमिलनाडु भाजपा के द्वारा एक अधिसूचना जारी करने की संभावना है, जिसमें 10 साल की सदस्यता को अनिवार्य बनाया जा सता है। इच्छुक उम्मीदवार को कम से कम 10 वर्षों तक पार्टी का सदस्य होना चाहिए। इसकी वजह नैनार नागेंद्रन और अन्नामलाई दोनों को चुनाव में भाग लेने में मुश्किलें हो सकती हैं। हालांकि, अन्नामलाई ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
नैनार नागेंद्रन अगस्त 2017 में भाजपा में शामिल हुए और उन्होंने प्राथमिक सदस्य के रूप में केवल 9 वर्ष पूरे किए हैं और अन्नामलाई ने पांच वर्ष से भी कम समय पूरा किया है। वह अगस्त 2020 में ही पार्टी में शामिल हुए थे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि दस वर्ष का मानदंड आरएसएस के दबाव के कारण लागू किया जा सकता है, क्योंकि संघ पार्टी में शीर्ष पदों पर नए लोगों के आने से खुश नहीं है।