अरविंद केजरीवाल पर क्यों चुप थे शरद पवार, दिल्ली पर कांग्रेस को दी नसीहत तो मिला जवाब
- कपिल सिब्बल ने कहा, ‘तारिक अनवर साहब के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। यह सवाल उन्होंने उठाया है, वह काफी अच्छा है। अरविंद केजरीवाल जब गुजरात, हरियाणा, गोवा जैसे राज्यों में कैंडिडेट खड़े कर रहे थे तो तारिक भाई ने कोई सवाल नहीं उठाया।’

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से आम आदमी पार्टी सदमे में है तो वहीं कांग्रेस पर भी सहयोगी दल सवाल उठा रहे हैं। उद्धव सेना के नेता संजय राउत और उमर अब्दुल्ला ने सवाल उठाए थे और कांग्रेस पर समझौता न करके चुनाव हराने का आरोप लगाया था। उमर अब्दुल्ला ने तो नतीजों के दिन ही तंज कसते हुए कहा था कि खूब लड़ो, खत्म कर दो एक-दूसरे को। ऐसे ही अब शरद पवार की एनसीपी के नेता तारिक अनवर ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करना चाहिए। लेकिन अब कांग्रेस और उसके समर्थक ही शरद पवार के पुराने बयान याद दिलाने लगे हैं, जब उन्होंने कहा था कि INDIA अलायंस का समझौता सिर्फ राष्ट्रीय चुनाव के लिए ही है।
तारिक अनवर को जवाब देते हुए राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि एक सिद्धांत बनाना होगा। यह नहीं कि अलग-अलग परिस्थितियों में अलग तरह से व्यवहार किया जाए। दशकों तक कांग्रेसी रहे कपिल सिब्बल ने कहा, 'तारिक अनवर साहब के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। यह सवाल उन्होंने उठाया है, वह काफी अच्छा है। अरविंद केजरीवाल जब गुजरात, हरियाणा, गोवा जैसे राज्यों में कैंडिडेट खड़े कर रहे थे तो तारिक भाई ने कोई सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि तब शरद पवार साहब का कहना था कि INDIA अलायंस की एकजुटता लोकसभा चुनाव के लिए है। यह राज्यसभा इलेक्शन के लिए नहीं है। फिर अब क्यों ऐसी बातें की जा रही हैं। एक बार कोई चीज तय हो जाए तो फिर उसका पालन होना चाहिए।'
फिलहाल कपिल सिब्बल निर्दलीय राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय ही राज्यसभा जाने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि गठबंधन की एकता बनी रहनी चाहिए। कपिल सिब्बल ने कहा कि असल में क्षेत्रीय दल चाहते हैं कि प्रदेश के बाहर भी हमारा प्रभाव थोड़ बढ़ जाए। वहीं राष्ट्रीय दल किसी भी राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहते। कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे क्षेत्रीय दलों का नेतृत्व बहुत समझदार है। उन्हें मालूम है कि हम लोगों के आगे क्या चुनौती है। इस बार भी हम अपनी गलतियों से चूके हैं। इसके बारे में आगे मंथन किया जाएगा। कपिल सिब्बल भले ही कांग्रेस से सांसद नहीं हैं, लेकिन वैचारिक तौर पर वह अब भी पार्टी के साथ हैं।