नारायणन ने अपने संबोधन में भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत 2040 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा और आजादी के 100 वर्ष पूरे होने से पहले हर क्षेत्र में अग्रणी बन जाएगा।
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारत ने बड़ा फैसला लेते हुए 32 एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। नागरिक उड़ानों पर रोक सुरक्षा कारणों से लगाई गई है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतों का साथ देने के लिए तुर्किए उसे SONGAR हथियारबंद ड्रोन सौंप दी थी। इन ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ करने के लिए की थी, जिसे भारत ने हवा में खाक कर दिया है।
बलूच विद्रोही संगठन के तीन समूहों ने बलूचिस्तान प्रांत के तीन अलग-अलग हिस्सों पर कब्जे का दावा किया है। इन स्थानों पर उन्होंने बलूचिस्तान के झंडे भी फहराए हैं। पाकिस्तान के झंडों को उतारकर बलूचिस्तान के ध्वज फहराने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
पाकिस्तान के डर के मुताबिक भारत ने तत्काल ऐसा कुछ नहीं किया, लेकिन चौंकाते हुए 6 मई की रात को 9 ठिकानों पर हमला कर दिया। इस तरह दो सप्ताह से भी कम के अंतराल पर पाकिस्तान को करारा जवाब मिला। यही नहीं पाकिस्तान ने भी जब जवाबी ऐक्शन की कोशिश की तो उसके हर हमले को आसमान में ही नेस्तनाबूद कर दिया।
चंडीगढ़ में नौ और 10 मई को प्रशासन की तरफ से सभी शिक्षा संस्थानों को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद बड़े पैमाने पर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का अपने घरों की ओर निकालना शुरू हो गया है। सेक्टर 17 और सेक्टर 43 बस स्टैंड पर स्टूडेंट्स की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
पाकिस्तान की अदालत ने 7 मई को फैसला सुनाया, जिसमें पुराने निर्णय को पलट दिया गया। पहले अदालत ने अपने एक फैसले में कहा था कि मिलिट्री कोर्ट में नागरिकों के खिलाफ केस चलना असंवैधानिक है, लेकिन अब उस निर्णय को पलट दिया गया है। इससे सीधे तौर पर जनरल आसिम मुनीर मजबूत हो गए हैं।
चंडीगढ़ के नागरिकों को घरों में रहने को कहा गया है। ऐसा ही अलर्ट पटियाला, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर और तरण तारण में भी जारी हुए हैं। यही नहीं जालंधर में भी अलर्ट की स्थिति है। पटियाला प्रशासन का कहना है कि अलर्ट की स्थिति फिलहाल नहीं है, लेकिन लोगों के लिए घरों में रहना ज्यादा सही रहेगा।
अब चीफ जस्टिस ने जब फाइल को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष भेज दिया है तो उनकी भूमिका समाप्त हो जाती है। उनकी ओर से फाइल को पीएम और राष्ट्रपति को बढ़ाने का अर्थ है कि उन्हें हटाने की सिफारिश की गई है। आर्टिकल 124 के तहत किसी जज को हटाने की कार्रवाई राष्ट्रपति की ओर से ही हो सकती है।
सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ रही हैं कि हवाई अड्डों में प्रवेश पर रोक है, हालांकि सरकार ने इसे झूठा बताया है। असल में, बढ़ी हुई सुरक्षा जांच की वजह से यात्रियों को केवल समय से पहले पहुंचने की सलाह दी गई है।