Why was the Muslim organization angry with actor Vijay Iftar party they reached the police station गायों जैसा व्यवहार किया; चर्चा में एक्टर विजय की इफ्तार पार्टी, खफा मुस्लिम संगठन पहुंचा थाने, India Hindi News - Hindustan
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गायों जैसा व्यवहार किया; चर्चा में एक्टर विजय की इफ्तार पार्टी, खफा मुस्लिम संगठन पहुंचा थाने

  • मुस्लिम संगठन तमिलनाडु सुन्नत जमात ने एक्टर विजय की इफ्तार पार्टी पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। संगठन का आरोप है कि इस इफ्तार पार्टी की वजह से मुसलमानों की बेइज्जती हुई।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 11 March 2025 03:38 PM
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गायों जैसा व्यवहार किया; चर्चा में एक्टर विजय की इफ्तार पार्टी, खफा मुस्लिम संगठन पहुंचा थाने

तमिल सुपरस्टार थलापति विजय की इफ्तार पार्टी अब विवादों के घेरे में आ गई है। जहां एक तरफ उनकी इस पहल को सेक्युलरिज्म की मिसाल बताया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम संगठन तमिलनाडु सुन्नत जमात ने इस पर आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। संगठन का आरोप है कि इस इफ्तार में नशे में धुत्त और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल थे, जिससे मुसलमानों की बेइज्जती हुई।

क्यों हुआ विवाद?

विजय ने 7 मार्च को चेन्नई में एक भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था, जहां उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आमंत्रित किया और उनके साथ बैठकर रोजा खोला। इस दौरान वे सफेद कुर्ता-धोती और टोपी पहने नजर आए। इफ्तार खत्म होने के बाद विजय अपने प्रचार वैन के सनरूफ से बाहर आकर प्रशंसकों का अभिवादन भी किया। लेकिन तमिलनाडु सुन्नत जमात के कोषाध्यक्ष सैयद कौस ने आरोप लगाया कि इस इफ्तार कार्यक्रम में अवैध तत्वों को शामिल किया गया, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची। उन्होंने यह भी दावा किया कि विजय द्वारा नियुक्त विदेशी गार्ड्स ने मेहमानों के साथ गायों जैसा व्यवहार किया और उन्हें इज्जत नहीं दी।

संगठन ने की कानूनी कार्रवाई की मांग

लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, शिकायत दर्ज कराते हुए सैयद कौस ने कहा, "हमने पब्लिसिटी के लिए शिकायत नहीं की है। विजय के इस कार्यक्रम में मुसलमानों की तौहीन हुई है। हम चाहते हैं कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो ताकि आगे ऐसा न हो।"

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बंटा सोशल मीडिया

इस विवाद के बीच सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग विजय की इस पहल को सांप्रदायिक सौहार्द बताकर उनकी तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसे महज राजनीतिक स्टंट करार दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद जहां समर्थकों ने इसे विजय की धर्मनिरपेक्ष छवि के रूप में देखा, वहीं कुछ आलोचकों ने इसे तुष्टिकरण करार दिया।