गाजियाबाद के रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चल रहे 12 हजार उद्योग, सरकारी सर्वे में खुलासा
गाजियाबाद जनपद में आवासीय क्षेत्रों में करीब 12 हजार उद्योग अवैध रूप से चल रहे हैं। इसका खुलासा सरकारी विभागों के संयुक्त सर्वे से हुआ। आबादी के बीच औद्योगिक इकाइयां होने से प्रदूषण भी फैल रहा है।

गाजियाबाद जनपद में आवासीय क्षेत्रों में करीब 12 हजार उद्योग अवैध रूप से चल रहे हैं। इसका खुलासा सरकारी विभागों के संयुक्त सर्वे से हुआ। आबादी के बीच औद्योगिक इकाइयां होने से प्रदूषण भी फैल रहा है। गाजियाबाद में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की छोटी-बड़ी एक लाख से अधिक औद्योगिक इकाइयां जिला उद्योग केंद्र में रजिस्टर्ड हैं, जबकि इसमें 45 हजार से अधिक मैन्युफेक्चरिंग इकाइयां हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने जनपद में 12 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए हैं। इसके बावजूद आवासीय क्षेत्र में अवैध रूप से उद्योग चल रहे हैं। आवासीय और अवैध क्षेत्रों में संचालित इकाइयों से प्रदूषण का खतरा है। ये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानक पूरे नहीं कर रहे। पिछले दिनों उद्योग केंद्र और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सर्वे कर ऐसी इकाइयों की लिस्ट तैयार की है। इनमें फिनिशिंग कॉटन, टेक्सटाइल, रबर प्रोडक्ट, कागज उत्पाद, इलेक्ट्रिकल गुड्स, मशीनरी पार्ट्स, चमड़े के जूते, दुग्ध उत्पाद आदि लघु, सूक्ष्म और मध्यम इकायां शामिल हैं, इनकी संख्या 5 हजार से अधिक हैं। वहीं, सेवा (सर्विस) देने वाली करीब 7 हजार इकाइयां भी आवासीय क्षेत्रों में चल रही हैं।
ये इकाइयां चल रहीं : शहर के पटेल नगर, सेवा नगर, शिब्बनपुरा, जगदीश नगर, रविदास नगर, नंदग्राम, घूकना, पीले क्वार्टर, लाल क्वार्टर, मालीवाड़ा और जटवाड़ा आदि आवासीय क्षेत्रों में लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयां और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। इनमें फिनिशिंग कॉटन, टेक्सटाइल, रबर प्रोडक्ट, कागज उत्पाद, इलेक्ट्रिकल गुड्स, मशीनरी पार्ट्स, चमड़े के जूते, दुग्ध उत्पाद तैयार हो रहे हैं।
आग से बचाव के इंतजाम नहीं : विभागीय अधिकारी बताते हैं कि आवासीय क्षेत्रों में चल रही ज्यादातर औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों में आग से निपटने के इंतजाम न के बराबर हैं। रिहायशी इलाकों में सिलेंडर लीकेज और शार्ट सर्किट से आग की घटनाएं हो चुकी हैं।
जमीन न मिलने से विकसित हो रहे : गाजियाबाद महायोजना 2031 लागू नहीं होने से उद्यमियों को दिक्कत हो रही है। इस कारण लोग अवैध कॉलोनियों में अपने उद्योग लगा रहे हैं। गाजियाबाद में कई ऐसे औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो गए हैं, जो अवैध कॉलोनियों में बसे हुए हैं। अब इन कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी, ''प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और विभिन्न प्रतिष्ठानों पर नियमित कार्रवाई जारी है। बीते साल करीब सात करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।''
श्रीनाथ पासवान, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र, ''आवासीय क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालन पर रोक है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से आवासीय क्षेत्र में वायु और जल प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों पर कार्रवाई की जाती है।''
राजेश कुमार सिंह, सचिव जीडीए, ''जीडीए क्षेत्र में आवासीय क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के लिए कोई लैंड यूज चेंज नहीं हुआ है। आवासीय क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों का संचालन नहीं होना चाहिए।''