फेसबुक प्यार के लिए पार की सीमा, दिल्ली में धराईं 3 बांग्लादेशी महिलाएं; पहले बनाए बहाने फिर उगला सच
‘मुख्य संदिग्ध ने फेसबुक के माध्यम से एक भारतीय शख्स से प्यार होने की बात कही, और बताया कि बाद में उसी शख्स ने पश्चिम बंगाल में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए अवैध रूप में भारत में उसका प्रवेश करवाया।’

वहीं दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए उत्तर पश्चिम जिला पुलिस ने शहर के महेंद्र पार्क इलाके में अवैध रूप से रह रहीं तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। खास बात यह है कि तीनों महिलाओं का कहना है कि वे यहां अपने प्रेमियों से मिलने के लिए आई थीं और उन्हीं के साथ लिवइन में रहने लगीं। महिलाओं ने एक और हैरान करने वाली बात यह बताई कि इन प्रेमियों से उनकी मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि विदेशी सेल ने यह कार्रवाई एक विश्वस्त सूत्र से मिले इनपुट के आधार पर की।
पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए की गई मेहनत के बारे में बताते हुए कहा कि एक संदिग्ध द्वारा पोस्ट की गई एक फेसबुक रील को उसने ट्रैक किया, जिसमें एक स्थानीय आइसक्रीम गाड़ी को दिखाया गया था और इसी दौरान अनजाने में आसपास की इमारतें भी दिखाई दे गईं। इसी सुराग का उपयोग करते हुए, पुलिस ने वीडियो में दिखाई गई सटीक जगह का पता लगाया और मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। वीडियो में दिखाई गई जगह का पता लगाने के लिए पुलिस ने लगभग 50 गलियों की कड़ी तलाशी ली।
इसके बाद 15 मई की सुबह एक जाल बिछाया गया, जिसके बाद मुख्य संदिग्ध की गिरफ्तारी हो सकी। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी खुद को ट्रांसजेंडर बताता है और स्थानीय लोग उसे दीपा के नाम से जानते हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी उत्तर पश्चिम भीष्म सिंह ने बताया कि, 'मुख्य संदिग्ध ने फेसबुक के माध्यम से एक भारतीय शख्स से प्यार होने की बात कही, और बताया कि बाद में उसी शख्स ने पश्चिम बंगाल में स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा के जरिए अवैध रूप में भारत में उसका प्रवेश करवाया। इसके बाद दोनों दिल्ली चले आए और किराए के मकान में एक साथ रहने लगे।'
इसके अलावा मिली एक अन्य खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने दो और बांग्लादेशी महिलाओं को भी हिरासत में लिया। दोनों महिलाओं ने शुरू में दावा किया कि वे अपने-अपने पतियों के साथ रहने वाली भारतीय नागरिक हैं। हालांकि, बयानों में समानता ना होने और सामान की गहन जांच के बाद उनका भांडा फूट गया। वहीं जब पुलिस ने उनके मोबाइल फोन की जांच की तो सच्चाई सामने आ गई।
लगातार पूछताछ के दौरान, तीनों महिलाओं ने हिली और बेनापुर इलाकों से अवैध रूप से सीमा पार करने की बात स्वीकार की। वे ट्रेन से दिल्ली आई थीं और झूठी पहचान के साथ अपने-अपने भारतीय प्रेमियों के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थीं।
अधिकारियों को उनके पास से प्रतिबंधित IMO एप्लीकेशन वाले दो स्मार्टफोन और एक कीपैड फोन बरामद हुए, कथित तौर पर वे जिनका इस्तेमाल बांग्लादेश में रह रहे अपने परिवारों से संपर्क में रहने के लिए कर रही थीं।
पुलिस ने बताया कि संदिग्धों को निर्वासन कार्रवाई के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO), आरके पुरम भेजा गया है। साथ ही पुलिस ने आगे जांच करते हुए उन व्यक्तियों का पता लगाने की भी बात कही, जिन्होंने तीनों को भारत में शरण दी थी या उनकी सहायता की।