बांग्लादेश में टैगोर के पैतृक घर पर हमले से दिल्ली में बवाल,सड़क पर उतरी BJP
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हुए हमले की निंदा करते हैं। यह बंगाली और हिंदू संस्कृति पर हमला है। हम बांग्लादेशी उच्चायोग की ओर मार्च कर रहे हैं और एक ज्ञापन सौंपेंगे।

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हुए हमले को लेकर पूरे भारत में गुस्सा है। आज राजधानी दिल्ली में इस कृत्य के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी सड़कों पर उतर आई। दिल्ली बीजेपी चीफ वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी के लोग और बाकी प्रदर्शनकारी बांग्लादेश उच्चायोग जाएंगे जहां वह इसके खिलाफ एक ज्ञापन सौंपेंगे। वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम इस हमले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हुए हमले की निंदा करते हैं। यह बंगाली और हिंदू संस्कृति पर हमला है। हम बांग्लादेशी उच्चायोग की ओर मार्च कर रहे हैं और एक ज्ञापन सौंपेंगे। उनकी सरकार को चरमपंथियों द्वारा की जा रही गतिविधियों का संज्ञान लेना चाहिए। हम हिंदू और बंगाली संस्कृति के प्रति इस अनादर को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। पहुंचने से पहले वीरेंद्र सचदेवा को चाणक्यपुरी पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया है।
बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर में तोड़फोड़ के संबंध में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ढाका के अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि कवि से संबंधित कोई भी अवशेष क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार,रवींद्र कुठीबाड़ी या रवींद्र स्मारक संग्रहालय,जिसे रविवार को तोड़फोड़ के बाद बंद कर दिया गया था,उसे 13 जून शुक्रवार को आगंतुकों के लिए फिर से खोल दिया गया। कुठीबाड़ी टैगोर परिवार का पैतृक घर और राजस्व कार्यालय है,जो सिराजगंज जिले में स्थित है। रवींद्रनाथ के दादा द्वारकानाथ टैगोर ने इसे 1840 में खरीदा था और यह स्थान नोबेल विजेता का पसंदीदा आश्रय स्थल था,जहां उन्होंने अपनी कई उल्लेखनीय साहित्यिक कृतियां लिखीं।