खुले बिजली फीडर पिलर के कारण हादसा, पार्क में 9 साल के बच्चे की मौत पर MCD ने क्या कहा?
दिल्ली के डीडीए एलआईजी फ्लैट्स, कालकाजी स्थित एमसीडी पार्क में नौ वर्ष के बच्चे की करंट लगने से बीते शनिवार को मृत्यु हो गई। इस घटना को लेकर मंगलवार को एमसीडी प्रशासन ने बयान जारी किया।

दिल्ली के डीडीए एलआईजी फ्लैट्स, कालकाजी स्थित एमसीडी पार्क में नौ वर्ष के बच्चे की करंट लगने से बीते शनिवार को मृत्यु हो गई। इस घटना को लेकर मंगलवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रशासन ने बयान जारी किया। एमसीडी प्रशासन ने कहा कि यह दुखद घटना घटित हुई। प्रारंभिक निरीक्षण में पाया गया कि यह हादसा पार्क परिसर में स्थित बीएसईएस के एक खुले और असुरक्षित तीन-फेज बिजली फीडर पिलर होने के कारण हुआ। निगम की जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई है।
खंभे में था करंट
जांच में पता चला है कि पार्क में खुले बिजली के तार थे और एक खंभे में करंट था। घटना के बाद बीएसईएस और एमसीडी के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस भी इस घटना की जांच कर रही है। घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने इस क्षेत्र को सील कर दिया था। बीआरपीएल ने पार्क की बिजली आपूर्ति काट दी थी।
लाइटों के रखरखाव के लिए हुआ था समझौता
इस पार्क में पूर्ववर्ती दक्षिण दिल्ली नगर निगम के साथ ईईएसएल और बीआरपीएल के बीच पार्क में लाइटों, हाई मास्ट लाइटों और सेमी हाई मास्ट लाइटों के रखरखाव के लिए 12 नवंबर 2016 को त्रिपक्षीय समझौता हुआ। इस समझौते के तहत यह तय हुआ कि लाइटों के लिए ईईएसएल संबंधित डिस्कॉम फीडिंग प्वाइंट से लेकर लाइट प्वाइंट तक पूरी बिजली व्यवस्था का कार्य का संचालन और सुरक्षा का रखरखाव करेगा।
जांच टीमों ने क्या पाया
सोमवार को दिल्ली सरकार के श्रम विभाग, दिल्ली पुलिस, बीआरपीएल, एमसीडी और ईईएसएल का संयुक्त निरीक्षण घटना स्थल पर हुआ। संयुक्त निरीक्षण के दौरान, बीआरपीएल द्वारा पार्क लाइट सर्किट की बिजली आपूर्ति फिर से चालू की गई। इसके बाद यह पाया गया कि पार्क के किसी भी लाइट पोल में करंट लीकेज नहीं था। इसके तहत पार्क में स्थित लाइट पोल को छूने से करंट लगने की संभावना नहीं पाई गई, करंट लीकेज नहीं पाया गया।
बागवानी विभाग के साथ की बैठक
इस घटना के बाद दिल्ली नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बागवानी विभाग के साथ बैठक भी की है। इस बैठक में निगम के अधीन आने वाले सभी पार्कों में विभिन्न मामलों के संबंध में निरीक्षण करने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं।
कई टीमें करेंगी जांच
इसके तहत निगम की कई टीमें सभी पार्कों में फुटपाथ, लाइटों के रखरखाव समेत अन्य सुरक्षा के साथ बुनियादी ढांचे से जुड़ी सुविधाओं की जांच करेंगी। निगम के अधीन 15 हजार से अधिक पार्क आते हैं। कई पार्क एक एकड़ तो कुछ डेढ़ एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैले हैं। अधिकारियों ने बताया कि मानसून के दिल्ली में दस्तक देने से पहले सभी पार्कों की निगरानी करेंगे। इसमें पार्कों में मरम्मत कार्य की आवश्यकता पड़ने पर कार्य भी शुरू करेंगे। निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी काम को बेहतर किया जाएगा।