Delhi High Court stays proposed demolition of 115 properties in Okhla by UP irrigation department ओखला में 115 मकान-दुकान गिराने के प्रस्ताव पर रोक, दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी सिंचाई विभाग को भेजा नोटिस, Ncr Hindi News - Hindustan
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ओखला में 115 मकान-दुकान गिराने के प्रस्ताव पर रोक, दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी सिंचाई विभाग को भेजा नोटिस

दिल्ली के ओखला में रहने वाले लोगों के लिए शुक्रवार का दिन थोड़ी राहत लेकर आया। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम राहत देते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा ओखला में 115 संपत्तियों को गिराने के प्रस्तावित प्रस्ताव पर रोक लगा दी।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। एएनआईSat, 31 May 2025 07:04 AM
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ओखला में 115 मकान-दुकान गिराने के प्रस्ताव पर रोक, दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी सिंचाई विभाग को भेजा नोटिस

दिल्ली के ओखला में रहने वाले लोगों के लिए शुक्रवार का दिन थोड़ी राहत लेकर आया। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम राहत देते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा ओखला में 115 संपत्तियों को गिराने के प्रस्तावित प्रस्ताव पर रोक लगा दी। जस्टिस सचिन दत्ता ने याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है। इन संपत्तियों में रहने वाले लोगों ने यूपी सिंचाई विभाग के नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

याचिकाकर्ताओं के वकील डॉ. फारुख खान ने कहा कि प्रस्तावित बेदखली/तोड़फोड़ का नोटिस मनमाना और अवैध है, क्योंकि विभाग के पास जमीन का कोई मालिकाना हक नहीं है।

याचिकाकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग, उनके कर्मचारियों व एजेंटों को याचिकाकर्ताओं को खसरा संख्या 277, मुरादी रोड, खिजर बाबा कॉलोनी, जामिया नगर, ओखला में स्थित उनकी संबंधित संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए मजबूर करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं ने यूपी सिंचाई विभाग, उनके कर्मचारियों और एजेंटों को याचिकाकर्ताओं को खसरा संख्या 277, मुरादी रोड, खिजर बाबा कॉलोनी, जामिया नगर, ओखला में स्थित उनकी संबंधित संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए मजबूर करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है। यूपी सिंचाई विभाग ने 22 मई को इन इलाकों में स्थित कई मकानों और दुकानों पर नोटिस चिपकाए हैं।

जावेद अहमद और 114 अन्य ने 22 मई को जारी किए गए नोटिस को चुनौती देते हुए उत्तर प्रदेश राज्य और हेड वर्क्स डिवीजन आगरा नहर ओखला के खिलाफ याचिका दायर की है।

वकील रिधिमा गोयल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि संपत्तियों (मकानों-दुकानों) के खिलाफ कुछ तोड़फोड़, बेदखली और बल पूर्वक कार्रवाई करने का प्रस्ताव है। इन संपत्तियों में याचिकाकर्ता कई सालों से रह रहे हैं और अपना व्यवसाय कर रहे हैं और लंबे समय से स्थायी कब्जे में हैं, क्योंकि उक्त संपत्तियां/परिसर कथित रूप से उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग की भूमि पर हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि "उत्तर प्रदेश राज्य बनाम श्री अर्जुन एवं अन्य" टाइटल वाला मुकदमा वर्ष 1991 में याचिकाकर्ता जावेद अहमद सहित विभिन्न व्यक्तियों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा दायर किया गया था।

यह मुकदमा उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा खसरा संख्या 277, ग्राम ओखला, तहसील महरौली, नई दिल्ली में 108 बीघा और 17 बिस्वा भूमि के विरुद्ध कब्जे और मध्यवर्ती लाभ की वसूली की राहत की मांग करते हुए दायर किया गया था।

याचिका में कहा गया है कि सिविल जज ने 13 दिसंबर, 2005 को सिविल मुकदमा खारिज कर दिया था, क्योंकि यूपी सरकार मालिकाना/टाइटल संबंधी कोई भी दस्तावेज, चाहे वह मूल हो या फोटोकॉपी, पेश करने में विफल रही थी।

हाईकोर्ट ने 13 जनवरी, 2011 को आदेश के खिलाफ पहली अपील को खारिज कर दिया था और सिविल जज के आदेश को बरकरार रखा था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा पारित 13 जनवरी, 2011 के आदेश के खिलाफ दूसरी अपील भी हाईकोर्ट ने 22 जुलाई, 2013 को खारिज कर दी थी, जिससे ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा गया था।

याचिका में कहा गया है कि 12 साल से अधिक समय बीत चुका है और उक्त आदेश को चुनौती देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा कोई और उचित कानूनी मदद/कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए यह अंतिम है।

यह भी तर्क दिया गया है कि प्रतिवादियों द्वारा 22 मई को जारी किया गया नोटिस/आदेश याचिकाकर्ताओं के विभिन्न परिसरों की दीवारों पर उनकी संबंधित संपत्तियों के संबंध में उक्त याचिकाकर्ताओं के खिलाफ बेदखली और बलपूर्वक कार्रवाई के लिए चिपकाया गया था। यह नोटिस अवैध, असंवैधानिक और संप्रभु शक्ति के प्रयोग का दुरुपयोग है।