इंडिया गेट पर जाम से निपटने को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बनाया ‘मास्टर’ प्लान, दिए ये 5 सुझाव
राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट सी-हेक्सागन पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अध्ययन किया है। इसमें जाम के कारणों का पता लगाने के साथ उसका समाधान भी तलाशा गया है।

राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट सी-हेक्सागन पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अध्ययन किया है। इसमें जाम के कारणों का पता लगाने के साथ उसका समाधान भी तलाशा गया है। सुझाव के साथ नई दिल्ली रेंज के ट्रैफिक डीसीपी राजीव कुमार की तरफ से 28 मई को शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव को पत्र लिखा गया है। इसमें बताए गए सुझावों के माध्यम से जाम खत्म कराने में सहयोग करने की मांग की गई है।
रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं : ट्रैफिक डीसीपी ने बताया कि 27 मई को सर्वे के दौरान देखने को मिला कि जाम का सबसे बड़ा कारण यहां होने वाली अवैध पार्किंग है। सी-हेक्सागन के पास सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, हैदराबाद हाउस, बड़ौदा हाउस, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम है। इसके अलावा इंडिया गेट और कर्तव्यपथ पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक भ्रमण करने आते हैं।
रोजाना लगभग तीन लाख वाहन गुजरते हैं : इसकी वजह से यहां पर न केवल वाहनों, बल्कि पैदल चलने वाले लोगों की भी भीड़ में रहती है। खासतौर से व्यस्त समय में सी-हेक्सागन पर वाहन रेंगते दिखाई देते हैं। इंडिया गेट सी-हेक्सागन में रोजाना लगभग तीन लाख वाहन गुजरते हैं। ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
इन कारणों से परेशानी
●सी-हेक्सागन के पास ऑटो-टैक्सी स्टैंड नहीं होने से समस्या
●सीमित पार्किंग व्यवस्था भी जाम का प्रमुख कारण है
●तीन पार्किंग में कर्मचारियों की कमी से प्रबंधन ठीक नहीं होता, जिससे जाम लगा रहता है
ये सुझाव दिए गए
● अवैध पार्किंग की समस्या को खत्म करने के लिए पटियाला हाउस अदालत के पास मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए
● तिलक मार्ग, केजी मार्ग, शाहजहां रोड पर ऑटो-टैक्सी स्टैंड बनें
● केजी मार्ग और शाहजहां रोड पर प्रीपेड टैक्सी बूथ बनना चाहिए
● शाहजहां रोड और केजी मार्ग पर इंडिया गेट से जोड़ने के लिए सब-वे बनाने का सुझाव दिया है
● पार्किंग में एनडीएमसी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। साइनेज बोर्ड लगाए जाएं।