बीके अस्पताल में आठ महीने से नहीं मिल रहा नशे की लत छुड़ाने वालों को उपचार
फरीदाबाद के बीके अस्पताल का नशा मुक्ति केंद्र करीब आठ महीने से बंद है क्योंकि यहाँ मनोरोग विशेषज्ञ नहीं है। इसके कारण नशा छोड़ने वाले मरीजों को बिना उपचार के लौटना पड़ रहा है या निजी अस्पताल जाना पड़...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। बीके अस्पताल का नशा मुक्ति केंद्र मनोरोग विशेषज्ञ के नहीं होने से करीब आठ महीने से बंद पड़ा है। इसके चलते नशा की लत छुड़ाने वालों को बिना उपचार के वापस लौटना पड़ रहा है या फिर निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है। सरकार नशा मुक्त हरियाणा के तहत साइक्लोथॉन का आयोजन कर रही है। इसके आयोजन में अच्छा खास पैसा बहा रही है। वहीं लोगों की नशे की लत छुड़ाने के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर धर्मवीर नेहरा ने करीब आठ महीने पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।अब वह अपने निजी क्लीनिक चला रहे हैं। इसके बाद से बीके अस्पताल मनाे रोग के अलावा नशे की लत छुड़ाने के लिए पहुंचाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मेडिकल वालों को भी रही है परेशानी
मनोरोग विशेषज्ञ नहीं होने की वजह मेडिकल कराने के लिए पहुंच रहे लोगों को परेशानी हो रही है। मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए मना रोग विशेषज्ञ की टिप्पणी भी आवश्यक होती है। इनके नहीं होने से लोगों को इसके लिए गुरुग्राम जाना पड़ रहा है। बता दें कि गुरुग्राम के मनोरोग चिकित्सक 15 दिन में एक बार ओपीडी में उपचार के लिए आते हैं। उनका दिन निश्चित नहीं होने की वजह से रोगियों को भटकना पड़ता है। वहीं रेफर मुक्त फरीदाबाद की मांग पर करीब साढ़े तीन महीने से बीके अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे समाज सेवी सतीश चोपड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। बीके अस्पताल में कई बार मानसिक रूप से बीमार अज्ञात मरीज भी आते हैं। उनके लिए मनोरोग चिकित्सक की सख्त आवश्यकता है। यह एक बड़ी परेशानी है।
मनोरोग चिकित्सक नहीं होने की वजह से नशा मुक्ति केंद्र बंद है। गुरुग्राम के चिकित्सक महीने में दो बार आते हैं। हम स्थायी मनोरोग विशेषज्ञ के लिए प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही दोबारा से केंद्र शुरू किया जाएगा।
- विकास गोयल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी
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