तंबाकू मुंह के कैंसर को दे रही बढ़ावा
फरीदाबाद में मुंह और फेफड़ों का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर 30 से 40 आयु वर्ग के युवाओं में। विशेषज्ञों का कहना है कि सिगरेट, बीड़ी और गुटखा जैसे नशों का सेवन इसके मुख्य कारण हैं। जिले में कैंसर...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। स्मार्ट सिटी में मुंह और फेफडाें का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा 30 से 40 आयु वर्ग के युवा इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि युवा तेजी से सिगरेट, बीड़ी और गुटखा जैसे नशों की गिरफ्त में आ रहे हैं, जिससे उनके फेफड़े और मुंह बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले में कैंसर के करीब साढे चार हजार मरीज हैं, जिनमें 10 प्रतिशत रोगी मुंह के कैंसर के शामिल हैं। इनमें युवा मरीजों की संख्या अधिक हैं। 30 से 40 आयु वर्ग के युवा ऐसे हैं जो सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं जबकि 40 से 60 आयु वर्ग के फेफडों के कैंसर से जूझ रहे हैं।
बीके अस्पताल में हर महीने पांच से सात मुंह के कैंसर के होते हैं। यही हाल ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, अस्पताल में हर महीने आठ से 10 मरीज मुंह और 15 से 20 मरीज फेफड़ों के कैंसर से संबंधित इलाज के लिए पहुंचते हैं। वहीं जिले के विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में प्रतिदिन 25 से 30 मरीज कैंसर के इलाज के लिए आ रहे हैं। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और इसका प्रमुख कारण तंबाकू है। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ. संजय राॅय ने बताया कि सिगरेट और बीड़ी पीने वाले युवाओं के फेफड़े समय से पहले ही कमजोर हो जाते हैं और उनमें गंभीर श्वसन संबंधी समस्याएं विकसित हो जाती हैं। वहीं गुटखा, पान मसाला और खैनी जैसे पदार्थों से मुंह का कैंसर तेजी से फैलता है। 10 साल में कैंसर मुंह में बना लेता अपनी जगह डॉ. संजय राय ने कहा कि तम्बाकू को गाल के एक साइट में रखकर दिनभर चबाने से अल्सर बनता है। बार-बार ऐसा लगातार 10 साल करने से मुंह का कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। सिगरेट फेफडों को छलनी करने का काम करती है।एक दिन में चार से पांच सिगरेट पीने से 15 से 20 साल की आयु में फेफडों का कैंसर होने का खतरा रहता है। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर तंबाकू पर सख्ती से रोक नहीं लगाई गई और जनजागरूकता नहीं बढ़ाई गई, तो आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और भयावह हो सकता है। कैंसर के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे है। शिक्षण संस्थानाें के बाहर लगने वाले ढेलों पर समय-समय पर गुटखा, पान मसाला की जांच जाती है, धूम्रपान संबंधी वस्तुएं मिलने पर कार्रवाई की जाती है। लोगों में जागरुकता बढ़ाने के अभियान को और गति दी जाएगी। - डॉ. जयंत अहुजा , मुख्य चिकित्सा अधिकारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।