ग्रेटर नोएडा में 10 प्रॉजेक्ट के 7 हजार खरीदारों को फ्लैट मिलने की आस जगी, कई साल से फंसे
जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के सात हजार से अधिक खरीदारों को एक बार फिर फ्लैट मिलने की आस जगी है।

ग्रेटर नोएडा में जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के सात हजार से अधिक खरीदारों को एक बार फिर फ्लैट मिलने की आस जगी है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर यमुना प्राधिकरण की अगले 15 दिनों में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) निकालने की तैयारी है।
जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को वर्ष 2009-10 में स्पोर्ट्स सिटी के विकास के लिए विशेष विकास क्षेत्र (एसडीजेड) योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई थी। परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट शामिल है। इसके साथ ही सात हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों से जुड़ी दस आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं।
न्यायालय ने इस मामले में यमुना प्राधिकरण के बकाया भुगतान नहीं करने के कारण जमीन आवंटन रद्द करने के निर्णय को सही माना था। न्यायालय ने प्राधिकरण को खरीदारों के फ्लैट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। अब यीडा ने अपनी कार्ययोजना तैयार कर ली है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेपी एसोसिएट के फंसे खरीदारों को लाभ देने के लिए 15 दिन में आरएफपी निकालकर विकासकर्ता एजेंसी का चयन किया जाएगा। इसके लिए समिति का गठन हो गया है। जल्द ही शासन से इसका नोटिफिकेशन भी प्राप्त हो जाएगा।
अगले 15 दिनों में आरएफपी निकालकर फ्लैट तैयार करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। खरीदारों को उसी हिसाब के फ्लैट दिए जाएंगे, जैसा उनसे जेपी एसोसिएट ने वादा किया था। इन परियोजनाओं के सात हजार से अधिक खरीदारों में से करीब 1800 खरीदार बिल्डर से पूर्व में ही अपनी रकम वापस ले चुके हैं। साथ ही, बिल्डर ने भी शेष खरीदारों से अधिकतम 95 प्रतिशत रकम वसूल कर ली है। ऐसे में अब प्राधिकरण फ्लैट तैयार करने के लिए खरीदारों पर किसी प्रकार का अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगा। पूरी परियोजना तय ले-आउट प्लान के अनुसार ही विकसित होगी।
समिति में खरीदारों का प्रतिनिधि चुना जाएगा
इस मामले में समिति का गठन हो गया है। समिति में घर खरीदारों के अधिकृत प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा। प्राधिकरण जल्द ही खरीदारों से वार्ता कर प्रतिनिधि चुनेगा। इस प्रतिनिधि से निर्माण पर समय-समय पर रिपोर्ट भी ली जाएगी। इसके अलावा बकाया राशि की प्राप्ति के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
प्राधिकरण खेल सुविधाएं भी विकसित करेगा
यमुना प्राधिकरण ने बिल्डर को यह भूखंड एसडीजेड के तहत आवंटित किया था, इनमें स्पोर्ट्स गतिविधि भी विकसित की जानी थी। प्राधिकरण इस परियोजना में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, स्पोर्ट एकेडमी, हेल्थ सेंटर, हॉकी स्टेडियम, फुटबॉल ग्राउंड, टेनिस कोर्ट, मल्टी स्पोर्ट स्टेडियम, बासकेट बॉल कोर्ट, बॉक्सिंग, रेसलिंग, आर्चेरी इत्यादि खेलकूद की गतिविधियों को भी विकसित कराएगा।
परियोजना को पूरा करने की समय सीमा तय
न्यायालय ने इन परियोजनाओं की समय सीमा तय की है। इसमें 75 फीसदी पूरी हुई परियोजनाओं को एक साल में पूरा करना होगा। 50 फीसदी पूरी हुई परियोजनाएं 18 महीने में पूरी होंगी। 25 फीसदी पूरी हुई परियोजनाएं 30 महीने में पूरी होंगी। अन्य परियोजनाएं 36 महीने में पूरी होंगी। इन सभी 10 परियोजनाओं के 2262 बायर्स पर महज 532 करोड़ रुपये ही है। इस काम को पूरा करने में फंड की कमी नहीं आने दी जाएगी।
जमीन आवंटन से फंड जुटाएगा प्राधिकरण
स्पेशल डेवलपमेंट जोन में खाली 609 एकड़ जमीन का उपयोग कर अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रकम मिलेगी। इसमें 276 एकड़ आवासीय और 291 एकड़ व्यावसायिक उपयोग की जमीन को यमुना प्राXधिकरण औसतन 80 हजार रुपये वर्गमीटर के हिसाब से आवंटित करेगा।