अब एक करोड़ तक के विकास कार्य करवा सकेंगे निगम आयुक्त
गुरुग्राम के लोगों के लिए राहत की खबर है। नगर निगम आयुक्त अब 1 करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों को सीधे मंजूरी देने में सक्षम होंगे। इससे सीवर, सड़क मरम्मत और अन्य विकास कार्यों में तेजी आएगी। यह...

गुरुग्राम, वरिष्ठ संवाददाता। मिलेनियम सिटी के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब नगर निगम आयुक्त अपने स्तर पर एक करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों को सीधे मंजूरी दे सकेंगे। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की इस मंजूरी के बाद अब गुरुग्राम में लोगों को सीवर जाम, सड़क मरम्मत, नई सीवर लाइन डालने, नई सड़क बनाने जैसे विकास कार्यों में लोगों को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने यह फैसला दो साल पुरानी नीति में बदलाव करके लिया गया है।
जिससे गुरुग्राम जैसे शहरों में स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान तेज़ी से हो सकेगा। इससे पहले नगर निगम आयुक्तों को केवल 50 लाख रुपये तक के विकास कार्यों को मंजूरी देने का अधिकार था। 50 लाख से ऊपर के किसी भी कार्य के लिए उन्हें मुख्यालय से अनुमति लेनी पड़ती थी। जिससे परियोजनाओं में अनावश्यक देरी होती थी। ------------------ - इन कार्यों को मिलेगी गति- अब एक करोड़ रुपये तक के छोटे और मध्यम स्तर के विकास कार्यों, जैसे सीवर लाइन बिछाना, क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पानी की पाइपलाइनों से संबंधित समस्याओं का समाधान बहुत जल्दी हो सकेगा। शहर में अक्सर बारिश के दिनों में जलभराव और सीवर जाम की समस्याएं आती हैं। चूंकि इन समस्याओं से जुड़े कई कार्य एक करोड़ की सीमा में आते हैं, इसलिए निगम आयुक्त अब त्वरित निर्णय लेकर इन्हें तुरंत ठीक करवा सकेंगे, जिससे लोगों को तत्काल राहत मिलेगी। छोटे कार्यों के लिए मुख्यालय से अनुमति लेने की आवश्यकता समाप्त होने से नौकरशाही की प्रक्रिया सरल होगी और परियोजनाओं का कार्यान्वयन अधिक कुशलता से होगा। आयुक्तों के पास अधिक शक्ति होने से वह स्थानीय आवश्यकताओं और तात्कालिक समस्याओं पर अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया दे पाएंगे, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। ----------------- - टेंडर प्रक्रिया के अनुसार ही होंगे काम शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने भले ही निगम आयुक्तों को एक करोड़ तक के विकास कार्यों की मंजूरी की वित्तिय शक्ति दे दी हो, लेकिन यह वह कार्य होंगे जिनका एस्टीमेट एक करोड़ तक है। इसके रेट की अनुमति देना और टेंडर प्रक्रिया पूरी करके निजी एजेंसी को टेंडर की अनुमति निगम आयुक्त दे सकेंगे। इससे पहले निगम आयुक्त इसका प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय को भेजते थे। मुख्यालय की तरफ से कभी दो माह तो कभी छह माह तक भी इनकी मंजूरी को लग जाते थे, इस कारण शहर में लोगों को इन कार्यों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। --------------- - यह होगी नई वित्तिय शक्तियां 1 करोड़ रुपये तक:- नगर निगम आयुक्त (पहले 50 लाख रुपये तक था) 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक:- निगम की वित्त एंव संविदा कमेटी 10 करोड़ से 25 करोड़ रुपये तक: विभाग के मंत्री और मुख्य अभियंता 25 करोड़ रुपये से अधिक:- मुख्यमंत्री और मुख्य अभियंता --------------- - दस करोड़ तक के कार्यों को मेयर देगी अनुमति नई सदन गठित होने से पहले ही सरकार ने मेयर को दस करोड़ रुपये तक के विकास कार्यों को करवाने की अनुति देने की वित्तिय शक्तियां दे दी थी। हालांकि दस करोड़ तक के विकास कार्यों की अनुमति मेयर के साथ वित्त एंव संविदा कमेटी की भी अनुमति लेनी होगी। बीते सदन के कार्यकाल में ढाई करोड़ तक के कार्यों को मंजूरी वित्त एंव संविदा कमेटी के पास थी, इससे ऊपर के बजट के कार्यों के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती थी। वित्तिय शक्तियों में बदलाव से शहर के विकास कार्य इस बार जल्द सिरे चढ़ पाएंगे। लोगों को ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। -------------- - इनको मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा वित्तिय शक्तियां मिलने से अब निगम आयुक्त नियमित हुई कॉलोनियों के छोटे कामों को जल्दी शुरू करवा सकेंगे। इसके अलावा दस करोड़ तक विकास कार्यें की अनुमति वित्त एंव संविदा कमेटी देगी, जिससे शहर नियमित हुई 35 कॉलोनियों में विकास कार्य तेजी से होगा। इसके अलावा 2020 में 16 गांव निगम क्षेत्र में शामिल हुए थे। इन गांव में भी अब लोगों को विकास कार्यों की बाट नहीं जोहनी पड़ेगी। ------------- : कोट शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने एक करोड़ तक की वित्तिय शक्ति दी हैं। इससे पहले 50 लाख रुपये थी। इस योजना से शहर के छोटे कार्य अब जल्दी हो सकेंगे। लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। - प्रदीप दहिया, निगम आयुक्त, गुरुग्राम।
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