सफाई का टेंडर समय से न लगाने पर अतिरिक्त निगमायुक्त को नोटिस
गुरुग्राम में मानेसर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त और मुख्य सफाई अधिकारी को शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों पर सफाई व्यवस्था में लापरवाही और निविदा प्रक्रिया...

गुरुग्राम। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आदेशों की अवहेलना करने पर मानेसर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त और मुख्य सफाई अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर सात दिन में इसका जवाब मांगा है। मानेसर नगर निगम में बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर निगम अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नगर निगम मानेसर में विभिन्न सड़कों पर स्ट्रीट स्वीपिंग, नाली सफाई और झाड़ियों को उखाड़ने के कार्य के लिए समय पर निविदा प्रक्रिया शुरू नहीं करने के लिए मानेसर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त जितेंद्र कुमार और मुख्य सफाई अधिकारी विजय को मुख्यालय की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यूएलबी की तरफ से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि सात अप्रैल को पत्र के माध्यम से, राज्य के सभी निगमों को वर्तमान अनुबंध की समाप्ति से कम से कम तीन महीने पहले एक नई एजेंसी को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने मुख्यालय से जारी पत्र को गंभीरता से नहीं लिया। कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि मानेसर नगर निगम में सड़कों पर स्ट्रीट स्वीपिंग, नाली सफाई और झाड़ियों को उखाड़ने के टेंडर का अनुबंध 20 फरवरी 2025 को समाप्त हो गई थी और 28 मार्च 2025 को निदेशालय को नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद दोनों ही अधिकारियों ने नए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की बजाय मौजूदा टेंडर को आगे बढ़ाने के लिए एक मामला 19 फरवरी से 18 जून 2025 तक मुख्यालय को प्रस्तुत किया गया था, यानी प्रत्येक डिवीजन के लिए चार महीने की देरी का यह तरीका और मौजूदा अनुबंध को बढ़ाने की ओर प्राथमिकता वर्तमान में कार्यरत एजेंसी के पक्ष में होने का सकेंत देती है। मुख्यालय की ओर से सीधा-सीधा अधिकारियों पर मौजूदा एजेंसी के साथ मिलीभगत होने के संकेत होने की बात कही है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो होगी विभागीय कार्रवाई
शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा दोनों अधिकारियों को जारी कारण बताओ नोटिस में लिखा है कि निविदा प्रक्रिया में देरी के लिए संबंधित अधिकारी की लापरवाही और निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो एक गंभीर प्रशासनिक चूक है। पत्र में दोनों अधिकारियों केा लिखा है कि आपको निर्देशित किया जाता है कि आप इस ज्ञापन के जारी होने की तिथि से सात दिनों के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि उक्त चूक के लिए आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।
रोड स्वीपिंग सहित मानेसर में सफाई का बूरा हाल
मानेसर नगर निगम में सफाई व्यवस्था का बूरा हाल है। घरों से कूड़ा एकत्रित करने का टेंडर निगम अधिकारी एक साल से सिरे नहीं चढ़ा पा रहे हैं। इसके अलावा मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों से हो रही सफाई में भी वरिष्ठ सफाई अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी हुई है, लेकिन आरोप है कि अधिकारी की अनदेखी के कारण रोड स्वीपिंग वाली एजेंसी को बिना किसी जांच पड़ताल के हर माह 25 लाख रुपये से अधिक का भुगतान हो रहा है। जबकि रोड स्वीपिंग मशीनों को टेंडर की नियम व शर्तों के अनुसार संचालित नहीं किया जा रहा है।
सेक्टर-8 में बना दूसरा बंधवाड़ी
मानेसर नगर निगम में अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण सेक्टर-8 में निगम कार्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर दूसरा बंधवाड़ी तैयार हो गया है। यहां निगम द्वारा जुगाड़ से लोगों के घरों से कूड़ा तो उठा लिया जाता है, लेकिन उसका निस्तारण को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। सेक्टर-8 में बड़े-बड़े कूड़े के पहाड़ बन गए हैं। आसपास के लोगों को यहां सांस लेना भी दुभर गया है। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि इसके कूड़े निस्तारण को लेकर एजेंसी को काम सौंपा हुआ है। मामले को लेकर अतिरिक्त निगमायुक्त जितेंद्र कुमार से इसको लेकर पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया।
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