नशा मुक्त होने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति जरूरी
गुरुग्राम में पटौदी तहसील के कई गांवों और शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित इस अभियान में नशे के नुकसान और नशा मुक्त होने के लिए दृढ़ इच्छा...

गुरुग्राम। पटौदी तहसील के कई गांवों और शैक्षणिक संस्थानों में नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। सरकार के साथ मिलकर ब्रह्माकुमारीज की ओर से आयोजित अभियान में लोगों को नशे से होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही है। नशा मुक्त होने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति जरूरी है। अभियान का अभी तक मैत्री पब्लिक स्कूल, श्रीराम पब्लिक स्कूल, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एस. एस. सी. एकेडमी, सरस्वती पब्लिक स्कूल, उमा भारती पब्लिक स्कूल समेत अन्य कई शिक्षण संस्थाओं के छात्रों ने लाभ लिया। पटौदी तहसील के अंतर्गत भोराकलां, चैनपुरा, नानुकला, बस्तपुर, खोड़, हेड़ीहेड़ा, खानपुर, बिनोला, बांसपदमका, मुमताजपुर, घोषगढ़ एवं सिद्रावली जैसे अन्य कई गांवों के लोगों ने नशा मुक्त होने की प्रतिज्ञा की। अभियान में बीके जयप्रकाश, बीके पारुल, मनामी, संजय, धर्मा, रूपलाल, जयवीर, सतीश समेत अन्य लोग का सहयोग रहा।
ओआरसी के डॉ. दुर्गेश ने कहा कि नशा व्यक्ति तभी करता है जब उसका मन कमजोर होता है। कई बार तो लोग शौक से नशा करते हैं। लेकिन फिर उसकी आदत पड़ जाती है। नशा सभी बीमारियों को दावत देता है। बीके रेखा ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा मुक्त होने के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी है। आध्यात्मिक मूल्य ही मनुष्य जीवन का श्रृंगार है। असली आनंद नशे में नहीं बल्कि आत्मा में निहित है। अभियान में लोगों को नशा मुक्ति की प्रतिज्ञा भी कराई है। शैक्षणिक संस्थानों में बीके पारुल ने छात्रों को मूल्यों के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि बचपन से हमारी जो आदत बन जाती है, वही ताउम्र रहती है। हमारे संस्कारों की नींव बचपन से ही पढ़ जाती है।
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