खींचतान : मानेसर के 15 पार्षदों के मोबाइल बंद, गोवा ले जाए जाने की चर्चा
गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। निर्दलीय ग्रुप ने भाजपा में सेंध लगाते हुए 16 पार्षदों को अपने पक्ष में कर लिया है। इस...

गुरुग्राम। मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के दोनों महत्वपूर्ण पदों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दस दिन पहले वन एवं उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने सात निर्दलीय पार्षदों को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाजपा में शामिल कराया था। अब निर्दलीय ग्रुप ने एक बड़े सत्ताधारी केंद्रीय नेता के इशारे पर भाजपा में ही सेंध लगाने का काम कर दिया। इससे मानेसर निगम के भीतर सियासी समीकरण तेजी से बदल गए हैं। करीब 15 और 16 पार्षदों के मोबाइल बंद हैं। उन्हें गोवा ले जाए जाने की चर्चा जोरों पर है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार, निर्दलीय ग्रुप एक बार फिर भाजपा पर भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है।
सूत्रों की मानें तो निर्दलीय ग्रुप ने केंद्र के एक कद्दावर सत्ताधारी नेता के साथ मिलकर पलटवार किया है। बताया जा रहा है कि जिन सातों निर्दलीय पार्षदों ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा था, उनकी 'घर वापसी' करवा ली गई है। यह भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पार्टी इन पार्षदों को अपनी जीत का अहम मोहरा मान रही थी। इतना ही नहीं, सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, निर्दलीय ग्रुप ने भाजपा को दोहरा झटका देते हुए दो भाजपा पार्षदों को अपने पाले में करने का दावा किया है। पार्षद 'गुप्त स्थान' पर शिफ्ट, संपर्क नहीं हो रहा अपनी रणनीति को पूरी तरह से पुख्ता करने और भाजपा को किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई का मौका न देने के लिए निर्दलीय ग्रुप ने 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' का सहारा लिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से अपने पाले में आए करीब 16 पार्षदों को दिल्ली से बाहर गोवा या दूसरे शहरों में 'शिफ्ट' कर दिया है। ये पार्षद तब तक बाहर रहेंगे जब तक सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए चुनाव संपन्न नहीं हो जाते हैं। इस गोपनीय ऑपरेशन की पुष्टि इस बात से भी हो रही है कि इन सभी पार्षदों के मोबाइल नंबर बंद आ रहे हैं। अपने ग्रुप में से निर्दलीय चाहते हैं दोनों पद मानेसर नगर निगम चुनाव में 20 पार्षदों ने जीत हासिल की थी। इसमें से मेयर सहित 14 पार्षदों ने निर्दलीय के तौर जीत हासिल की थी। भाजपा के पाले में छह पार्षदों ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने निर्दलीय ग्रुप में सेंधमारी करते हुए दस दिन पहले ही सात पार्षदों को भाजपा में शामिल कर लिया था, लेकिन अब निर्दलीय ग्रुप ने भाजपा में ही सेंधमारी करके 16 पार्षदों को अपने पक्ष में कर लिया है। इसमें दो पार्षद भाजपा के भी बताए जा रहे हैं। निर्दलीय ग्रुप दोनों पदों पर भी अपने चहेतों की देने के लिए यह बिसात बिछाई है।
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