पाकिस्तान और तुर्की को गुरुग्राम का उद्योग भी देगा चोट,सामान भेजने पर लगेगी रोक
पाकिस्तान के प्रमुख निर्यात में कपड़ा, परिधान, चावल, चमड़े के सामान और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। कपड़ा और परिधान क्षेत्र पाकिस्तान के कुल निर्यात में महत्वपूर्ण हिस्सा देता है। अनुमान है कि यह क्षेत्र पाक के कुल निर्यात में लगभग 54-60 प्रतिशत का योगदान देता है।

पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों के सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुरुग्राम के उद्योग संघ ने आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को चुनौती देने के लिए एक पहल शुरू की। इसके तहत शहर से पाकिस्कान को निर्यात होने वाले सामान पर रोक लगाने की तैयारी है। पाकिस्तान के अलावा तुर्की के साथ भी ऐसा ही किया जाएगा। उद्योग निकाय के नेतृत्व ने अपनी सदस्य कंपनियों से अपने मौजूदा उत्पाद से जुड़े निर्यात की समीक्षा करने और उन अवसरों की पहचान करने का आह्वान किया, जहां वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी निर्यात के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पाकिस्तान के प्रमुख निर्यात में कपड़ा, परिधान, चावल, चमड़े के सामान और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं। कपड़ा और परिधान क्षेत्र पाकिस्तान के कुल निर्यात में महत्वपूर्ण हिस्सा देता है। अनुमान है कि यह क्षेत्र पाक के कुल निर्यात में लगभग 54-60 प्रतिशत का योगदान देता है। 2023-24 में कपड़ा और परिधान निर्यात 16.6 बिलियन डॉलर था। 2023-24 में हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान क्षेत्र ने भारत के निर्यात में 8.21% का योगदान दिया। शहर का उद्योग संघ पाक को होने वाले निर्यात को रोकने के लिए सरकार के स्तर पर भी अपील करेगा।
पाकिस्तान को ऐसे पहुंचाएंगे चोट
फाउंडेशन फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट के संस्थापक निदेशक राहुल अहलूवाली ने कहा कि कपड़ा और परिधान एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश सीधे प्रतिस्पर्धा में हैं। अहलूवाली ने कहा कपड़ा और परिधान पाकिस्तान के लिए प्रमुख निर्यात में से एक है और इस क्षेत्र में उन्हें नुकसान पहुंचाने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कम श्रम लागत के कारण लागत लाभ है, जबकि भारत बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद के लिए जाना जाता है। भारत में भी बड़ी श्रम शक्ति है, लेकिन हमारे श्रम कानून कंपनियों को इस श्रम शक्ति का लाभ उठाने की अनुमति नहीं देते हैं। मोडेलामा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के अरविंद राय ने कहा कि पाकिस्तान को कुछ लागत लाभ है, लेकिन सरकार की थोड़ी मदद से हम आसानी से उनकी जगह ले सकते हैं और वैश्विक बाजार के विकल्प के रूप में उभर सकते हैं।
‘पाक की अर्थव्यवस्था संकट में’
सचदेवा फैब्रिक्स के रंजेंद्र सचदेवा ने उद्योग जगत से पाकिस्तान द्वारा दूसरे देशों को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम भी बेहतर उत्पाद बनाते हैं, बेहतर कीमत पर और कड़ी प्रतिस्पर्धा देते हैं, इसलिए हमें आर्थिक रूप से उन्हें मात देने का प्रयास करना चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संघर्ष कर रही है, यह सभी जानते हैं।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट
प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष दीपक मैनी ने कहा कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने दो शक्तिशाली सत्यों को फिर से जगाया-पहला, यह कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और दूसरा यह कि मेक इन इंडिया के तहत निर्मित हमारी स्वदेशी रक्षा प्रणाली ने अपनी शक्ति साबित की है।