छऊ नृत्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दर्शन है : बबलू सोरेन
पोटका के जोजोडीह गांव में वैशाख संक्रांति के अवसर पर 44 वां वार्षिक सांस्कृतिक समारोह हुआ। कार्यक्रम में छऊ नृत्य का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बबलू नाथ सोरेन ने कहा...
पोटका। प्रखंड के टांगराईन पंचायत के जोजोडीह गांव में वैशाख संक्रांति के उपलक्ष्य पर 44 वां वार्षिक सांस्कृतिक समारोह के प्रथम दिवस में छऊ नृत्य का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बबलू नाथ सोरेन उपस्थित थे। मौके पर उन्होंने कहा छऊ नृत्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दर्शन है। झारखंड के छऊ नृत्य की चर्चा सिर्फ भारत ही नहीं विदेश में भी की जाती है यह नृत्य न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि यह अपने भीतर कई पौराणिक कथा और लोक परंपराओं को संजोए हुए हैं जिससे समाज में नैतिक मूल्यों एवं सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा मिलता है।
छऊनृत्य के माध्यम से उड़ीसा मोहुलबस्य के महिला कलाकारों एवं हेंसल आमदा के कलाकारों ने दर्शकों को खूब मनोरंजन किया। कलाकारों ने पौराणिक कथाओं एवं लोक परंपराओं की सीख दी। कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य सूरज मंडल, पंसस रामेश्वर पात्र,पोल्टु मंडल,उज्वल कुमार मंडल उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में एजेवाईसी जोजोडीह के अध्यक्ष कोंदा सरदार, सचिव रवि माझी, कोषाध्यक्ष सीतानाथ पातर, उपाध्यक्ष धनुर पातर,सह सचिव बाबूलाल पातर सह कोषाध्यक्ष राजेश मार्डी, प्रकाश पातर , भोलानाथ सरदार,मुख्य संरक्षक मोहनलाल सरदार, ग्राम प्रधान सिंगराई माझी सहित अन्य की मुख्य भूमिका रही।
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