CAA हिंसा को लेकर आया फैसला: इस जिले के 195 बवालियों से होगी 11 लाख से अधिक की वसूली
उत्तर प्रदेश लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली, दावा न्यायाधिकरण मेरठ ने रामपुर में वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुई हिंसा पर बड़ा फैसला दिया है।

उत्तर प्रदेश लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली, दावा न्यायाधिकरण मेरठ ने रामपुर में वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुई हिंसा पर बड़ा फैसला दिया है। फैसले में दावा न्यायाधिकरण ने 195 बवालियों से 11 लाख आठ हजार 901 रुपये की वसूली का आदेश दिया है। दावा न्यायाधिकरण मेरठ में रामपुर पुलिस ने वर्ष 2022 में मामला दर्ज कराते हुए 21 दिसंबर 2019 को सीएए हिंसा को लेकर हुए बवाल में लाखों रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान में 197 बवालियों से 11 लाख से अधिक की राशि वसूली की गुहार लगाई थी। इस पर दावा न्याधिकरण ने राज्य सरकार बनाम इस्लाम आदि का मामला दर्ज कर सुनवाई शुरू की थी।
दावा न्यायाधिकरण के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार सिंह, सदस्य गरिमा सिंह और दावा आयुक्त आलोक पांडेय की बेंच ने लगातार सुनवाई की। सभी आरोपी बवालियों को नोटिस दिया गया। आरोपियों को पक्ष रखने को कहा गया। मामले की लगातार तीन साल सुनवाई चली। इसके बाद रामपुर पुलिस और सरकार के पक्ष को मजबूत माना गया। दावा न्याधिकरण ने 197 आरोपियों में से 195 को दोषी मानते हुए कुल 11 लाख आठ हजार 901 रुपये की वसूली का आदेश दिया है। प्रत्येक दोषी को 5687 रुपये बतौर अर्थदंड जमा करना होगा।
30 दिनों में रामपुर डीएम कराएंगे वसूली
दावा न्यायाधिकरण के दावा आयुक्त आलोक पांडेय के आदेश में कहाकि चूकिं मामला रामपुर जिले से संबंधित है, ऐसे में रामपुर डीएम को सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम-2020 की धारा-23 के तहत सभी 195 दोषियों से क्षति वसूली कर सरकारी खजाने में जमा कराने के लिए निर्देशित किया है। दोषियों को अर्थदंड जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। 30 दिन में अर्थदंड जमा न करने पर डीएम रामपुर भूराजस्व बकाया वसूली की तरह अर्थदंड की वसूली करेंगे। 30 दिन के बाद अर्थदंड जमा करने अथवा वसूली की वास्तविक तारीख तक छह प्रतिशत साधारण ब्याज और वसूली का खर्च भी वसूला जाएगा।
यह था मामला
दावा न्यायाधिकरण में दर्ज मामले के अनुसार 21 दिसंबर 2019 को रामपुर में विपक्षी इस्लाम आदि की ओर से नमाजियों की भीड़ इकट्ठा कर नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करते हुए भड़काऊ नारेबाजी की गई। उग्र भीड़ में से करीब 400-500 लोग हामिद इंटर कालेज होते हुए ईदगाह शाहबाद गेट की तरह जा पहुंचे थे। हाथी खाना चौराहे पर बैरिकेडिंग तोड़फोड़ कर आगजनी की गई। सुरक्षा बलों पर फायरिंग और पथराव भी किया गया। बवाल में सरकारी जीप, जीप में लगा वायरलेस, बहुरंगी लाइट, हूटर, मोटरसाइकिल, फाइबर डंडे, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, कैन सील्ड, बैरिकेडिंग, आयरन बैरियर्स, फोल्डिंग बैरियर आदि सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किया गया। इसके साथ पांच निजी मोटरसाइकिल, एक स्कूटी और मोबाइल का भी नुकसान हुआ। इन सभी का अनुमानित मूल्य 11 लाख आठ हजार 901 रुपये माना गया है।