दिल्ली में जलभराव की समस्या से निपटने सरकार ने की क्या-क्या तैयारी, मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया
पीडब्ल्यूडी विभाग के अनुसार साल 2025 में ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी में कुल 445 जलभराव स्थलों की पहचान की गई है। इनमें से 335 स्थलों की जिम्मेदारी सीधे इसी विभाग के अधीन आती है।

दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि मॉनसून से पहले दिल्ली को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इस बारे में बात करते हुए वर्मा ने गुरुवार को बताया कि, 'दिल्ली को जलभराव से मुक्त करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी है। हमने हर पॉइंट पर इंजीनियरों की जवाबदेही तय कर दी है और उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि अगर कहीं लापरवाही हुई तो निश्चित रूप से निलंबन किया जाएगा।'
जनता को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा, 'इस बार सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है कहीं कोई लापरवाही नहीं होगी, हर प्वाइंट पर निगरानी और तय जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।'
पीडब्ल्यूडी के अनुसार 2025 में ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी में कुल 445 जलभराव स्थलों की पहचान की गई है। इनमें से 335 स्थलों की जिम्मेदारी सीधे इसी विभाग के अधीन आती है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने इन सभी 335 स्थलों पर सहायक अभियंता (AE) और जूनियर इंजीनियर को स्थानीय इंचार्ज के रूप में नियुक्त किया है। इन अधिकारियों को जल निकासी व्यवस्था, उपकरणों की उपलब्धता, साइट की निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार बनाया गया है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि मॉनसून से पहले सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी हों।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी भी चिह्नित जलभराव स्थलों पर बारिश के दौरान पानी भरता है, तो संबंधित इंजीनियर के खिलाफ सख़्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन भी शामिल होगा। यह आदेश सरकार की उस नीति को दर्शाता है जिसमें हर समस्या का समाधान समयबद्ध और जिम्मेदार लोगों के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना है।