अफ्रीका के दो हिस्सों में टूटने की प्रक्रिया अचानक तेज
अफ्रीका महाद्वीप में भूगर्भीय हलचलें तेज हो रही हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के वैज्ञानिकों के अनुसार, एक विशाल गर्म चट्टानी संरचना, जिसे सुपरप्लूम कहा जाता है, अफ्रीका के दो हिस्सों में टूटने की...

ग्लास्गो, एजेंसी। अफ्रीका महाद्वीप में लंबे समय से चल रही भूगर्भीय हलचलों ने अब नया मोड़ ले लिया है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफ्रीका के दो हिस्सों में टूटने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं तेज हो गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार, धरती के गर्भ में 2,900 किलोमीटर गहराई से उठ रही एक विशाल गर्म चट्टानी संरचना (जिसे वैज्ञानिक सुपरप्लूम कहते हैं) इस विभाजन की रफ्तार को अचानक बढ़ा रही है। सुपरप्लूम यानी अत्यधिक गर्म मैग्मा का एक विशाल गुब्बारा, जो धरती के कोर और मेंटल के बीच मौजूद है।
यह अफ्रीका की जमीन को नीचे से धक्का दे रहा है, जिससे ‘ईस्ट अफ्रीकन रिफ्ट सिस्टम में दरारें तेजी से बढ़ रही हैं। यही दरार भविष्य में अफ्रीका को दो टुकड़ों में बदल सकती है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका के देशों जैसे सोमालिया, इथियोपिया, केन्या और तंजानिया के इलाकों में देखी जा रही है। यहां की जमीन में बड़ी दरारें आ रही हैं। कुछ इलाकों में तो ये दरारें धरातल पर साफ दिखाई देने लगी हैं। अफ्रीकी प्लेट तेजी से खिसक रहीं वैज्ञानिकों ने केन्या के मीनगाई क्षेत्र से निकली गैसों का विश्लेषण किया और पाया कि इनमें मौजूद रासायनिक तत्व धरती की गहराई से आ रहे हैं। यही संकेत देते हैं कि सुपरप्लूम अब ज्यादा सक्रिय हो चुका है। इसके चलते अफ्रीकी प्लेटों के खिसकने की रफ्तार भी बढ़ गई है। आगे यह होगा... अफ्रीका दो हिस्सों में बंट सकता है नया महासागर बन सकता है, जो हिंद महासागर से जुड़ेगा टूटकर अलग होने वाला भाग ‘नुबियन महाद्वीप कहलाएगा अफ्रीका का नक्शा पूरी तरह बदल जाएगा
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