Antibiotic Pollution Threatens Environment and Health Global Study Reveals चिंता : एंटीबायोटिक दवाओं से दुनियाभर की नदियां हो रहीं दूषित, Delhi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsAntibiotic Pollution Threatens Environment and Health Global Study Reveals

चिंता : एंटीबायोटिक दवाओं से दुनियाभर की नदियां हो रहीं दूषित

एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, हर साल लगभग 8,500 टन एंटीबायोटिक दवाएं नदियों में पहुंचती हैं, जो जलीय जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती हैं। मैकगिल यूनिवर्सिटी के शोध में यह पाया गया कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 12 May 2025 12:43 PM
share Share
Follow Us on
चिंता : एंटीबायोटिक दवाओं से दुनियाभर की नदियां हो रहीं दूषित

मॉन्ट्रियल, एजेंसी। एंटीबायोटिक दवाएं, जो इंसानों की जान बचाने के लिए जरूरी हैं, अब पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती जा रही हैं। हर साल दुनियाभर में लगभग 8,500 टन एंटीबायोटिक दवाएं नदियों में पहुंच रही हैं, जिससे जलीय जीवन और इंसानी स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं। कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका पीएनएएस नेक्सस में प्रकाशित हुई है और यह पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर एंटीबायोटिक प्रदूषण का वैश्विक स्तर पर आकलन किया गया है। हालांकि, इसमें किसी भी देश का विशेष तौर पर जिक्र नहीं किया गया है।

प्रमुख शोधकर्ता हेलोइसा एहलट मैसेडो ने कहा, दवाएं हमें बीमारियों से बचाती हैं, लेकिन जब वे जलधाराओं में पहुंचती हैं, तो यह एक नया और गंभीर संकट पैदा करती हैं। अब समय आ गया है कि हम चेतें और ठोस समाधान की ओर बढ़ें। शोध की मुख्य बातें -इंसानी उपयोग की एक-तिहाई एंटीबायोटिक्स सीधे या अपशिष्ट जल के जरिए नदियों में पहुंच जाती हैं। -लगभग 900 वैश्विक जल स्रोतों से जुटाए गए नमूनों से यह निष्कर्ष निकाला गया। -सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली एंटीबायोटिक ‘एमोक्सिसिलिन बहुत ज्यादा मात्रा में नदियों में पाई गई। पानी में घुलने के नुकसान -मछलियों और अन्य जलीय जीवों के विकास व प्रजनन में रुकावट। -पानी में ऐसे बैक्टीरिया बनते हैं, जो नई और गंभीर बीमारियां फैला सकते हैं। -कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में पानी से संक्रमण तेजी से फैल सकता है। -बैक्टीरिया दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधी हो जाते हैं, जिससे इलाज कठिन हो जाता है। -एंटीबायोटिक दवाएं असर नहीं करतीं, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। भारत के लिए चिंता की बात -भारत एंटीबायोटिक उपयोग में अग्रणी देशों में है। -दवा उद्योग में भारत शीर्ष देशों में एक, अपशिष्ट के नदियों में मिलने की आशंका अधिक। -मुर्गी फार्म और डेयरी उद्योग में भारी मात्रा में एंटीबायोटिक इस्तेमाल, जिससे जलस्रोत दूषित हो रहे हैं। -कई क्षेत्रों में अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र न के बराबर या खराब स्थिति में हैं। -कम जागरूकता के कारण एंटीबायोटिक का उपयोग अधिक, जो शरीर से बाहर निकलकर पानी को प्रदूषित करती हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।