बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में चल रही सुनवाई पूरी नहीं...

यूनुस की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीटी कानून में बदलाव आईसीटी में चल रही सुनवाई पूरी होने तक प्रतिबंध जारी रहेगा ढाका/नई दिल्ली, एजेंसियां। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध पिछले साल उन्हें सत्ता से बेदखल करने वाले बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाई के लिए लगाए गए मुकदमे के नतीजे आने तक जारी रहेगा। अंतरिम सरकार के प्रमुख् मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने कहा, ‘यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में चल रही सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, ताकि देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा की जा सके।
सरकार ने यह भी कहा कि यह फैसला 2024 के जुलाई में हुए आंदोलन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, यह फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाने वाले शिकायतकर्ताओं और गवाहों की सुरक्षा के लिए भी लिया गया है। यूनुस की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीटी कानून में भी बदलाव किया गया, जिससे अब किसी भी राजनीतिक पार्टी और उसके संगठनों पर मुकदमा चलाया जा सकता है। बांग्लादेश सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने संवाददाताओं को बताया, ‘आवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा समाप्त होने तक आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत आवामी लीग की गतिविधियों - जिसमें साइबरस्पेस भी शामिल है - पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। अवामी लीग ने प्रशासन के कदम को ‘अवैध बताते हुए खारिज कर दिया। यह प्रतिबंध यूनुस के आवास के बाहर हजारों लोगों द्वारा रैली निकालने के एक दिन बाद आया है, जिसमें हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। गुरुवार को पूर्व आवामी लीग के नेता आरोपी अब्दुल हामिद भी देश छोड़कर चले गए। अधिकारियों ने बताया कि हामिद के जाने के बाद हवाईअड्डे पर आने-जाने वालों की निगरानी करने वाले कम से कम तीन पुलिस अधिकारियों को लापरवाही बरतने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जुलाई 2024 में हसीना की सरकार द्वारा विपक्ष को चुप कराने के लिए शुरू किए गए क्रूर अभियान में 1400 से अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। हसीना मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में ढाका से गिरफ्तारी वारंट से बचने के लिए भारत में स्व-निर्वासन में हैं।
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