कारोबारी को आरोपमुक्त करने से कोर्ट का इनकार
मुंबई की सीबीआई विशेष अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक में करोड़ों रुपये के ऋण घोटाले के आरोपी प्रेमल गोरागांधी की आरोपमुक्ति की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मामले में प्रथमदृष्टया सबूत मौजूद हैं और...

मुंबई, एजेंसी। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) में करोड़ों रुपये के ऋण घोटाले में एक कारोबारी को आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया। सीबीआई की विशेष अदालत ने नौ मई को आरोपी प्रेमल गोरागांधी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने प्रथमदृष्टया उनके खिलाफ मामला बनने की बात कही। सोमवार को उपलब्ध कराए गए विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि मामला बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है। हम आरोपमुक्त करने की मांग वाली अर्जी पर फैसला करते समय आरोपी द्वारा मुहैया कराए गए दस्तावेजों और अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों की विस्तृत समीक्षा नहीं कर सकते।
सीबीआई का आरोप है कि दिवंगत अमिताभ अरुण पारेख सहित पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड (पीएएल) के निदेशकों ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। पीएएल के टर्नओवर को काल्पनिक लेन-देन के जरिये कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया। इससे कंपनी को बैंकों से बढ़ी ऋण सुविधाएं हासिल करने में मदद मिली। गोरागांधी ने कथित तौर पर तीन शेल कंपनियों में निदेशक के रूप में काम करके इस साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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