अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त होने पर शिक्षकों में रोष
नई दिल्ली में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवाएं ग्रीष्मकालीन अवकाश के कारण समाप्त कर दी गई हैं। इससे शिक्षकों में रोष बढ़ गया है क्योंकि इससे उनके परिवारों पर आर्थिक दबाव पड़ता...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह सेवाएं ग्रीष्मकालीन अवकाश को देखते रोकी गई हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों में इसे लेकर रोष बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि इससे उनके परिवार पर आर्थिक परेशानी खड़ी हो जाती है। ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा ने कहा कि हजारों अतिथि शिक्षकों की सेवा को हर साल बंद कर दिया जाता है। इससे लगभग दो महीने का वेतन नहीं मिलता है। ऐसे में जीवन यापन मुश्किल हो जाता है। उन्होंने नवनिर्वाचित दिल्ली सरकार से मांग करते हुए कहा कि अतिथि शिक्षकों को 12 महीने का वेतन देने का प्रावधान किया जाए।
शिक्षा निदेशालय ने इसे लेकर एक परिपत्र जारी किया है। इसमें बताया है कि यह सेवाएं 30 जून 2025 तक समाप्त रहेंगी। इसके मुताबिक स्कूल प्रधानाचार्यों को कहा कि अतिथि शिक्षकों की सेवाएं भले ही समाप्त हो रही हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें दाखिला या परीक्षा संबंधी कार्य के लिए स्कूल में बुलाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों के स्कूल प्रमुख ग्रीष्मकालीन गतिविधियों, सुधारात्मक कक्षाओं के लिए अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर सकते हैं। बता दें कि यह एक वार्षिक कार्य है, जिसका अतिथि शिक्षक संघ विरोध करता है।
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