अजमेर शरीफ दरगाह के खातों के कैग ऑडिट पर रोक लगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने अजमेर शरीफ के खातों के ऑडिट पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कैग अधिनियम की धारा 20 का पालन नहीं हुआ। अगली सुनवाई 28 जुलाई...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को अजमेर शरीफ के खातों के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा ऑडिट पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने अजमेर में अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहिब सैयदजादगान दरगाह शरीफ एवं एक अन्य की याचिका पर आदेश दिया कि मामले की सुनवाई तक कोई ऑडिट न हो। कोर्ट ने 14 मई के अपने आदेश में याचिकाकर्ताओं की इस दलील को विश्वसनीय पाया कि मामले में कैग अधिनियम की धारा 20 के तहत आवश्यकताओं को लागू नहीं किया गया। ऑडिट की कोई वजह नहीं बताई गई। यह प्रावधान कुछ प्राधिकरणों या निकायों के खातों के ऑडिट से संबंधित है।
वहीं, कैग की तरफ से बताया गया कि याचिकाकर्ता का ऑडिट अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इस पर विचार किया जा रहा था। कैग ने ऑडिट की अपनी प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि उसने कानून का पूरी तरह पालन किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। क्या है मामला पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि बिना किसी सूचना के याचिकाकर्ताओं के कार्यालय का कैग के अधिकारियों ने दौरा किया। यह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 और सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के प्रावधानों के विपरीत है। कैग ने अपने जवाब में कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को याचिकाकर्ता को पहले ही सूचित कर दिया था कि दरगाह मामलों के प्रबंधन में सुधार के लिए केंद्रीय प्राधिकरण ने एक ऑडिट का प्रस्ताव रखा है।
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