ED Conducts Raids in 12 000 Crore Fraud Case Involving Builders in Delhi-NCR and Mumbai 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी, Delhi Hindi News - Hindustan
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12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी

- दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 15 परिसरों पर छापेमारी के तहत तलाशी जारी नई

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 23 May 2025 07:03 PM
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12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में छापेमारी की कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि जेपी एसोसिएशन लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक और अन्य कंपनियों व संस्थाओं के ठिकाने पर कार्रवाई की जा रही है। कुल 15 परिसरों पर तलाशी जा रही है। इनमें नोएडा में तीन बिल्डरों के ठिकाने भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी तक की कार्रवाई का बाद जांच एजेंसी को काफी अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिनसे साबित होता है कि संबंधित कंपनियां मनी लांड्रिंग में लिप्त हैं। इनमें फाइलों के साथ ऑफिस व अन्य ठिकानों पर कंप्यूटर से भी काफी रिकॉर्ड मिला है।

निवेशकों के अतिरिक्त कुछ अन्य लोगों द्वारा पैसा लगाए जाने संबंधी भी संदिग्ध कागजात मिले हैं, जिसके आगे जांच की जाएगी। तलाशी जेपी एसोसिएट्स और उससे संबद्ध संस्थाओं के ठिकानों पर की जा रही है, जिनमें गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियलिटी शामिल है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई हजारों होम बायर्स को सबवेंशन स्कीम के नाम पर कथित रूप से फ्लैट बेचे जाने के मामले से जुड़ी है। -------- बिल्डरों ने खरीदारों को फंसाया इस स्कीम में बिल्डर द्वारा खरीदार से 10 फीसदी या एक निश्चित रकम लेकर फ्लैट बुक किया जाता है, जिसमें खरीददार को बिल्डर के तरफ से भरोसा दिया जाता है कि कब्जा मिलने तक आपको कोई धनराशि नहीं देनी है। हालांकि बिल्डर बुकिंग के समय ही खरीदार के नाम पर बैंक से होम लोन करा लेता है लेकिन कब्जे में देरी होने या आर्थिक तंगी के चलते बिल्डर बाद में ईएमआई भरना बंद कर दिया है। अब चुंकि होम लोन खरीदार के नाम पर जारी हुआ था, तो ऐसी स्थिति में बैंक ईएमआई के लिए खरीदार को परेशान करना शुरू कर देता है। ऐसे में खरीदार को न तो घर मिलता है और ऊपर से ईएमआई का भी भुगतान करना पड़ता है। जबकि बिल्डर फ्लैट की बुकिंग के समय ही खरीदार से तय रकम और बैंक से जारी ऋण के माध्यम से पूरा पैसा निकाल लेता है। नोएडा और एनसीआर में काफी बिल्डरों से इस योजना के जरिए खरीदारों को नुकसान पहुंचाया है। बीते कुछ वर्षों में इस योजना के जरिए बिल्डरों ने बड़ी संख्या में फ्लैट बेचे है।

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