ब्यूरो-- नशीले पदार्थ सबसे बड़ा खतरा, डीआरआई करे प्रभावी कार्रवाई: वित्त मंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नशीले पदार्थों की बिक्री पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। डीआरआई को राज्य पुलिस के साथ बेहतर...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। नशीले पदार्थों की बिक्री को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चिंता जताई है। मंगलवार को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम सोना पकड़े जाने से जुड़ी कार्रवाई का बहुत जिक्र करते हैं लेकिन नशीले पदार्थ (नारकोटिक्स) सबसे बड़ा खतरा हैं। वित्त मंत्री ने कहा, नशीले पदार्थों की बिक्री की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है। नशीले पदार्थ हर राज्य और यहां तक कि ड्रग सिंडिकेट अब छोटे शहरों में भी घुसपैठ कर चुके हैं। स्कूल और कॉलेज इसके पहले शिकार हैं।
डीआरआई को इसकी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करनी होगी। डीआरआई उन चुनिंदा भारतीय एजेंसी में से एक है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था पर सबसे मजबूत पकड़ रखती है। इसलिए नशीले पदार्थ की रोकथाम व ड्रग सिंडिकेट पर कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस के साथ समन्वय पहले से अधिक बेहतर करना होगा। हमें खतरे के आकार और दायरे के बारे में बेहतर समन्वय और बेहतर समझ की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय एजेंसियां अवैध गतिविधियों को रोकती हैं, तब राज्य स्तर पर त्वरित कार्रवाई की कमी के कारण परिणामों में देरी होती है। इसलिए हमें बेहतर तालमेल की आवश्यकता है, जिससे खुफिया जानकारी केवल कागजों तक ही सीमित न रहे। जमीनी स्तर पर परिणाम आएं। हमारा लक्ष्य पूरे नेटवर्क और सिंडिकेट को खत्म करने पर होना चाहिए। अगर आप छोटी मछलियों को पकड़ते हैं तो यह अच्छा नहीं है। बड़ी मछलियां वह हैं जो हमारी कई कार्रवाइयों से अछूती हैं। अधिकारी अपनाए तीन प्रमुख अनिवार्यता वित्त मंत्री ने अधिकारियों को प्रभावी प्रवर्तन एजेंसी बनने के लिए कुछ अहम बिंदुओं पर ध्यान देने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को तीन प्रमुख अनिवार्यताओं को अपनाना होगा। पहला,अधिकारी प्रवर्तन और सुविधा को विपरीत छोर के रूप में न देखें। सुविधाओं के साथ कार्रवाई में भी तेजी आए। दूसरे, समग्र रूप से जांच करें और बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखें। केवल अलग-अलग उल्लंघनों के मामलों का पीछा न करें। तीसरा, प्रवर्तन से जुड़ा कार्य सिर्फ आंकड़ों में ही नहीं बल्कि कार्य में भी निहित होना चाहिए। तस्करी से पैदा हो रहे बड़े खतरे केंद्रीय राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि आज के परिदृश्य में आर्थिक अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं से आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ हैं। नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध वन्यजीव व्यापार, पर्यावरण अपराध और दोहरे उपयोग वाले सामानों की तस्करी से बड़े खतरे पैदा होते हैं। इसलिए डीआरआई को वास्तविक समय की खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान, संयुक्त संचालन और पारस्परिक कानूनी सहायता ढांचे के माध्यम से विदेशी प्रवर्तन निकायों के साथ बेहतर समन्वय पर निरंतर काम करना चाहिए।
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