चिप बनाने के लिए कुछ विशेष आर्थिक क्षेत्र नियमों में ढील
सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नियमों में ढील दी है। कंपनियों को अब केवल 10 हेक्टेयर जमीन पर फैक्ट्री स्थापित करने की...

नई दिल्ली, एजेंसी। विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए सरकार ने कई नियम और शर्तों में ढील देने का ऐलान किया है। सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार उन कंपनियों को छूट देगी, जो देश में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने के लिए जमीन चाहती हैं। सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड में कारखानों की स्थापना के लिए न्यूनतम भूमि आवश्यकता को कम कर दिया है। सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स के लिए अब एसईजेड बनाने को 50 हेक्टेयर के बजाय सिर्फ 10 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।
जबकि मल्टी प्रोडक्ट एसईजेड में यह 20 से घटकर 4 हेक्टेयर रह जाएगी। इससे छोटे उद्यमों और स्टार्टअप्स को भी लाभ होगा. इसमें कहा गया, इस प्रावधान के प्रयोजनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटकों में डिस्प्ले मॉड्यूल उप-असेंबली, कैमरा मॉड्यूल उप-असेंबली, बैटरी उप-असेंबली विभिन्न प्रकार के अन्य मॉड्यूल उप-असेंबली, मुद्रित सर्किट बोर्ड, बैटरी के लिए ली-आयन सेल, मोबाइल एवं सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर घटक, श्रवण योग्य तथा पहनने योग्य उपकरण शामिल होंगे। विनिर्माण को किफायती बनाना जरूरी भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इसे किफायती बनाना जरूरी है। कम जमीन पर कारखाना शुरू करने की सुविधा मिलने पर ज्यादा कारोबारी इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। खासतौर पर सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की सप्लाई चेन पर चीन के एकाधिकार को खत्म करने के लिए पूरी दुनिया विकल्प चाहती है। ऐसे सरकार की यह बदली हुई नीति कारोबारियों को इस अवसर का लाभ लेने में मदद करेगी।
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