ब्यूरो::::::आपदा के नए खतरों को भांपकर साझा रणनीति बनाने पर जोर
--राहत आयुक्तों और एसडीआरएफ का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित राहत आयुक्तों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आपदा पर साझा रणनीति के संकल्प के साथ मंगलवार को नई दिल्ली में संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने समापन सत्र की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह वार्षिक सम्मेलन एक नियमित कार्यक्रम से कहीं अधिक है। यह आपदा जोखिम प्रबंधन के प्रति हमारे सामूहिक दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित, पुनर्संयोजित और सुदृढ़ करने का एक साझा अवसर है। उन्होंने कहा कि आपदाओं की प्रकृति बदल रही है। हमें इस वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए और इसके अनुरूप रणनीति बनाकर आपदा प्रबंधन पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आपदा के खतरे आपस में जुड़े हुए हैं और इनके प्रभाव कई गुना बढ़ रहे हैं। यह हमारी अनुकूलन क्षमता से कहीं अधिक तेजी से विकसित हो रहे हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि आने वाले दिनों में आपदा घटना पर बढ़ती अनिश्चितता से निपटने के लिए तैयारी और जागरूकता महत्वपूर्ण है। खतरे का परिदृश्य बदल रहा है, इसलिए राज्यों की तैयारी के स्तर को बढ़ाना चाहिए। राहत और प्रतिक्रिया दृष्टिकोण से तैयारी पर्याप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के आपदा वित्तपोषण मॉडल को 4-6 जून, 2025 को जिनेवा में वैश्विक मंच पर स्वीकार किया गया है। राज्यों को रिकवरी और शमन निधि के उचित उपयोग को सुनिश्चित करना चाहिए।
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