समुद्री रास्ते से पूरी दुनिया का चक्कर लगा घर लौट रहीं नौसेना की दो जांबाज अधिकारी
नंबर गेम 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर समुद्र में पूरा कर रहीं 17

नई दिल्ली, एजेंसी। पिछले वर्ष दो अक्तूबर को समुद्री हवा की गति से चलने वाली आईएनएसवी तारिणी बोट को लेकर पूरी दुनिया का चक्कर लगाने निकलीं भारतीय नौ सेना की दो जांबाज अधिकारी की यात्रा अब अंतिम चरण में है। मंगलवार को वैश्विक जलयात्रा के अपने अंतिम चरण में उत्तरी गोलार्ध को पार कर घर लौटने की खुशी में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने दोनों महिला अधिकारी से बात की और उनके अनुकरणीय कौशल और टीम भावना की सराहना की। करीब आठ महीने की इस यात्रा में लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए समुद्र में लगातार बारिश, तेज हवाओं और बड़ी लहरों का सामना करते हुए केप ऑफ गुड होप को सफलतापूर्वक पार किया।
केप ऑफ गुड होप अफ्रीका के सबसे दक्षिणी हिस्से पर स्थित एक प्रसिद्ध चट्टानी भूमि का हिस्सा है। यह दक्षिण अफ्रीका के केप प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे पर है, जहां अटलांटिक और हिंद महासागर मिलते हैं। यह स्थान ऐतिहासिक और भौगोलिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। देश को गौरवान्वित किया भारतीय नौसेना ने ‘एक्स पर पोस्ट किया कि नौसेना प्रमुख (सीएनएस) ने उनके अनुकरणीय कौशल और टीम भावना की सराहना की और उनकी प्रगति पर भारतीय नौसेना और पूरे देश के गौरव और प्रशंसा को व्यक्त किया। सीएनएस ने कहा कि पिछले आठ महीनों में आपने हमें, नौसेना और देश को गौरवान्वित किया है। यह यात्रा अभूतपूर्व है। घर लौटने तक सावधानी की जरूरत एडमिरल त्रिपाठी ने दोनों को सतर्क रहने, निगरानी बनाए रखने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक यह समाप्त नहीं हो जाता, तब तक सावधानी बरतने की जरूरत है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना परिवार उनके घर लौटने पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक है। बोट में कोई इंजन नहीं आईएनएसवी तारिणी 17 मीटर लंबी और पांच मीटर चौड़ी एक नाव है। यह सिर्फ समुद्री हवा की गति से चलने वाली बोट है। नाव चलाने के लिए कोई बाहर से सपोर्ट नहीं है यानी कोई इंजन नहीं है। दोनों महिला अफसर बोट को हवा की ताकत से ही चला रहीं हैं। इस दौरान हाई सी, एक्सट्रीम वेदर कंडीशन का सामना कर रहीं हैं। आठ महीनों तक समंदर में नाव चलाकर दो महिला अधिकारी 21600 नॉटिकल मील यानी 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर पूरा कर रही हैं। पूरी तैयारी के साथ समुद्री यात्रा पर निकली थीं लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा समुद्री यात्रा पर निकलने से पहले करीब तीन साल तक यात्रा के लिए तैयारी की। नेवी के सागर परिक्रमा के दूसरे एडिशन के लिए इन दोनों अफसरों ने गोवा से मॉरिशस, गोवा से केपटाउन होते हुए रियो-डी-जेनरो और वहां से वापस गोवा से पोर्ट ब्लेयर तक का सफर भी बोट में पूरा किया। इन्होंने मेडिकल के गुर सीखे, ताकि आठ महीने के सफर में खुद का ध्यान रख सकें। उन्होंने बोट का मेंटिनेस भी सीखा।
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