मुस्लिम आरक्षण विधेयक पर पुनर्विचार से राज्यपाल का इनकार
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है। इस विधेयक में मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण...

बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने बुधवार को कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 को भारत के राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रखने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया। इस विधेयक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। राज्यपाल ने 16 अप्रैल को विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक सरकार ने हाल ही में विधेयक पर गहलोत की मंजूरी लेने का प्रयास किया, जिसे खारिज कर दिया गया। आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने तमिलनाडु राज्य बनाम तमिलनाडु के राज्यपाल के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 1239/2023 के संदर्भ में केटीपीपी (संशोधन) विधेयक, 2025 को फिर से प्रस्तुत किया है, जिसमें मेरी सहमति मांगी गई है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा विधेयकों के आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का हवाला दिया है। गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि अनुच्छेद 15 और 16 धर्म के आधार पर आरक्षण पर रोक लगाते हैं और कोई भी सकारात्मक कार्रवाई सामाजिक-आर्थिक कारकों पर आधारित होनी चाहिए।
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