भगवान जगन्नाथ के रथ में लड़ाकू विमान सुखोई के टायर लगे
नंबर गेम 16 टन वजन सह सकता है एक टायर 20 वर्षों से टायर बदलने

कोलकाता, एजेंसी। बोइंग विमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टायरों पर चलने के 48 साल बाद कोलकाता में भगवान जगन्नाथ के रथ में नए टायर लगाए गए हैं। इस बार चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान सुखोई के टायरों का इस्तेमाल किया गया है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोमवार को बताया कि पिछले 20 वर्षों से वे इसके टायर बदलने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम इसके टायर की तलाश कर रहे थे, लेकिन बोइंग टायर बनाने वाली कंपनी डनलप ने कई साल पहले काम बंद कर दिया था। गहन शोध के बाद सुखोई के टायर हमारी विशिष्टताओं से काफी मेल खाते थे, क्योंकि उनके टायरों का व्यास बोइंग में इस्तेमाल किए जाने वाले टायरों के आकार के समान था।
भगवान के रथ का निरीक्षण किया राधारमण दास ने कहा कि इसके बाद हमने सुखोई लड़ाकू विमान के टायर बनाने वाली कंपनी एमआरएफ से संपर्क किया। कंपनी के विशेषज्ञ पिछले साल दिसंबर में कोलकाता आए और रथ यात्रा पर भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को ले जाने वाले हमारे रथ का निरीक्षण किया। टायर फिट होने के बाद 31 मई को शहर में 20 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक रथ का परीक्षण किया गया। करना पड़ा बदलाव दास ने कहा कि सुखोई टायरों को फिट करने के लिए रथ में कुछ संरचनात्मक बदलाव करने पड़े। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से उनके रथ को नए टायर मिले और हमें 27 जून को शुभ रथ यात्रा और पांच जुलाई को उल्टोरथ-वापसी रथ उत्सव के दिन भगवान की यात्रा के सुचारु होने का भरोसा है। चारों टायरों में से प्रत्येक 16 टन का भार सहन कर सकता है।
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