आठ माह से हो रहा था भूजल दोहन, एनजीटी के आदेश पर अवैध बोरवेल सील
- एनजीटी की ओर से गठित संयुक्त समिति ने की कार्रवाई नई दिल्ली, कार्यालय

- एनजीटी की ओर से गठित संयुक्त समिति ने की कार्रवाई नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने करोल बाग के पास मानकपुरा क्षेत्र में एक अवैध बोरवेल को सील करा दिया है। इसका उपयोग एक स्थानीय निवासी द्वारा पिछले आठ महीनों से भूमिगत जल के अवैध दोहन के लिए किया जा रहा था। एनजीटी के आदेश के बाद उस परिसर की बिजली आपूर्ति भी काट दी गई है। यह कार्रवाई उस संयुक्त समिति द्वारा की गई, जिसका गठन एनजीटी ने मार्च में स्थानीय निवासी नरेश कुमार की याचिका पर किया था। संयुक्त समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड (दिल्ली जल बोर्ड) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मध्य जिले के जिलाधिकारी शामिल रहे।
----- सात-आठ महीनों से भूजल दोहन का लगाया था आरोप याचिका में आरोप लगाया गया था कि इलाके में जल माफिया सक्रिय है। माफिया भूजल का व्यावसायिक उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर अवैध दोहन कर रहा है। याचिका में कहा गया था कि क्षेत्र में भूजल तेजी से घट रहा है। इसका मुख्य कारण जल माफिया द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध जल दोहन है। यह दोहन पिछले सात से आठ महीनों से लगातार जारी है। एनजीटी के न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डा. अफरोज अहमद की पीठ ने कहा कि समिति ने 19 मई को साइट का निरीक्षण किया था। उस दौरान पाया गया कि साइट पर एक अवैध बोरवेल मौजूद था। वहां कोई जल मीटर नहीं था, जिससे यह पता लगाना संभव नहीं था कि कुल कितना जल अवैध रूप से निकाला गया। एनजीटी ने बताया कि बोरवेल को सील कर दिया गया है और बिजली आपूर्ति काट दी गई है। वहीं पिछले सात-आठ महीनों में हुए दोहन के आधार पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति तय करने की प्रक्रिया जारी है।
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