राष्ट्रीय दलों को 20 साल में 10700 करोड़ से अधिक रकम देने वालों की कोई जानकारी नहीं
प्रभात कुमार नई दिल्ली। पिछले 20 सालों में देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 10700

प्रभात कुमार नई दिल्ली। पिछले 20 सालों में देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 10700 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा अज्ञात स्रोत से मिला। राजनीतिक दलों को ये चंदा किसने दिया, इस बारे में भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास भी कोई जानकारी नहीं है। यहां तक कि पिछले वित्तीय वर्ष में भी राष्ट्रीय दलों को करीब 200 करोड़ रुपये का चंदा अज्ञात स्रोत से मिला है। इसका खुलास, राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश अपने खातों के लेखा-जोखा के विश्लेषण से हुआ है। भारतीय राजनीति और चुनाव पर बारीकी से नजर रखने वाली संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने सभी आयोग के समक्ष भाजपा, कांग्रेस, आप सहित सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश लेखा-जोखा का विश्लेषण किया है।
अपनी रिपोर्ट में एडीआर ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सभी 6 राष्ट्रीय दलों की कुल आय 5820. 912 करोड़ रुपये हुई। इनमें से 199.36 करोड़ रुपये का चंदा अज्ञात स्रोत से मिला है। दूसरे शब्दों में ये पैसा राजनीतिक दलों को किसने दिया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय दलों के कुल आय का 43.71 फीसदी यानी 2544.278 करोड़ रुपये ज्ञात स्रोत से चंदा मिला है। जबकि इस अवधि में (2023-24) में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 43.363 फीसदी यानी 2524.136 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड योजना के जरिए मिला। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए शुरू किए गए चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। ये रकम उससे पहले के हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय दलों को इस अवधि में 9.50 फीसदी यानी 553.1298 करोड़ रुपये अन्य ज्ञात स्रोत से आय हुई है। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2004-05 से लेकर 2023-24 तक राष्ट्रीय दलों को कुल 10700 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोत यानी देने वालों का कोई अता-पता नहीं है। क्या होती है अज्ञात स्रोत से आत इसमें राजनीतिक दलों के उस को शामिल किया जाता है जो कूपन बिक्री और 20 हजार से कम के मिले दान को शामिल किया जाता है। कानून क्या कहता है राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए तय नियमों के मुताबिक यदि 20 हजार से कम की रकम कोई किसी दल को चंदा देता है तो इसमें देने वाले के बारे में जानकारी का खुलासा करने की अनिवार्यता नहीं है। ये बने नियम- एडीआर एडीआर ने राजनीतिक दलों के आय में पारदर्शिता लाने के लिए सभी दानकर्ताओं का पूरा विवरण सूचना के अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक करने के लिए नियम बनाने की सिफारिश की है। साथ ही सभी दानों के भुगतान का तरीका चाहे वह 20 हजार से अधिक हो या कम, कूपन की बिक्री से आय, सदस्यता शुल्क आदि को दलों द्वारा आयकर विभाग और ईसीआई को सालाना प्रस्तुत की जाने वाली अपनी ऑडिट रिपोर्ट में घोषित करने के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। 2023-24 में अज्ञात स्रोत से किसे कितना चंदा मिला एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में सीपीआई (एम) अज्ञात स्रोतों से सबसे अधिक 82.0759 करोड़ रुपये की आय घोषित की, जबकि कांग्रेस ने 78.7298 करोड़ रुपये और भाजपा ने 37.6037 करोड़ रुपये की आय अज्ञात स्रोत से होने की घोषणा की। जबकि इस अवधि में आप ने 0.93 करोड़ रुपये और एनपीईपी 0.0289 करोड़ रुपये की आय घोषित की। वित्त वर्ष 2023-24 में, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने कूपन की बिक्री से कुल 69.8816 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है।
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