विदेश से एमबीबीएस करने वालों के इंटर्नशिप का रास्ता साफ
विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर लौटे छात्रों के लिए राहत की खबर आई है। एनएमसी ने घोषणा की है कि यदि छात्र स्टाइपेंड छोड़ने को तैयार हैं, तो उन्हें दिल्ली नगर निगम के तहत इंटर्नशिप करने की अनुमति दी...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर दिल्ली लौटे मेडिकल छात्रों के लिए राहत की खबर है। अब वे स्टाइपेंड (वजीफा) न लेकर दिल्ली नगर निगम की अनिवार्य कम्युनिटी सर्विस पोस्टिंग में इंटर्नशिप कर सकेंगे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है कि यदि विदेशी चिकित्सा स्नातक छात्र स्टाइपेंड छोड़ने को तैयार हैं, तो उन्हें इंटर्नशिप करने से रोका नहीं जाए। दरअसल, भारत में डॉक्टर बनने के लिए विदेशी डिग्रीधारी छात्रों को फौरन मेडिकल ग्रेजुएट (एफएमजी) परीक्षा पास करने के बाद एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप करनी होती है। दिल्ली में इस इंटर्नशिप में इन्हें 84 दिनों की कम्युनिटी सर्विस पोस्टिंग का मौका मिलता है, लेकिन दिल्ली नगर निगम में बजट की दिक्कत की वजह से छह महीने से छात्रों को स्टाइपेंड न दे पाने की बाध्यता के चलते इंटर्नशिप का मौका नहीं मिल पा रहा था।
इससे सैकड़ों छात्र अपने भविष्य को लेकर असमंजस में थे। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ चिकित्सक अश्विनी डालमिया ने यह मामला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के समक्ष उठाया और तर्क दिया कि छात्र बिना स्टाइपेंड के भी इंटर्नशिप करने को तैयार हैं, क्योंकि इंटर्नशिप के बिना उन्हें देश में प्रैक्टिस का अधिकार नहीं मिल सकता। एनएमसी ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए स्पष्ट किया है कि स्टाइपेंड राज्य सरकार और एमसीडी का विषय है और छात्रों के हित में यह निर्णय लिया गया है। इसके बाद एमसीडी के अस्पतालों में 83 विदेशी छात्रों को इंटर्नशिप की अनुमति दी जा चुकी है, जबकि अब भी 200 से अधिक छात्र प्रतीक्षा में हैं।
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