नवजातों के दिल-दिमाग को सेहतमंद बनाती है ‘लोरी
नवजात शिशुओं के लिए गुनगुनाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक वैज्ञानिक तरीका है। येल यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह पाया गया कि गुनगुनाने से बच्चों का मूड...

न्यूयॉर्क, एजेंसी। नवजात शिशुओं के लिए लोरी गुनगुनाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का वैज्ञानिक तरीका है। दरअसल, जब माता-पिता अपने बच्चों को गाने सुनाते हैं, तो शिशुओं का मूड पहले की तुलना में काफी बेहतर होता है। यह शिशुओं के दिल और दिमाग को सेहतमंद रखने में मददगार साबित होता है। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के चाइल्ड स्टडी सेंटर में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका चाइल्ड डेवलपमेंट में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में 110 माता-पिता और उनके चार महीने से छोटे शिशुओं को शामिल किया गया।
माता-पिता को ज्यादा बार गुनगुनाने के लिए प्रेरित किया गया। उन्हें गीत सिखाए गए, गाइडबुक्स और वीडियो दिए गए और साप्ताहिक न्यूजलेटर भेजे गए। सिर्फ चार हफ्तों में इन माता-पिता द्वारा गाने की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई। अभिभावक सबसे ज्यादा तब गुनगुनाते नजर आए जब बच्चा रो रहा होता है या चिड़चिड़ा होता है। गुनगुनाना शिशुओं के मूड को संतुलित करने में सबसे अधिक सहायक पाया गया। ये असर दिखा -गुनगुनाने से बच्चों का मूड सुधरा तो नींद बेहतर हुई -नवजातों का मानसिक और भावनात्मक विकास तेज हुआ -अभिभावकों और बच्चों के बीच भावनात्मक संबंध और गहरा हुआ -बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत कम हुई
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