बैंक शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स 410 अंक चढ़ा
मुंबई में शेयर बाजार ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों की गिरावट के बाद बुधवार को तेजी दिखाई। बीएसई सेंसेक्स 410 अंक चढ़कर 81,596.63 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में 130 अंक की बढ़त रही। एचडीएफसी और...

मुंबई, एजेंसी। शेयर बाजार में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर बुधवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 410 अंक चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 130 अंक के लाभ में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में मजबूत रुख के बीच एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में लिवाली से बाजार में तेजी आई। सेंसेक्स 410.19 अंक चढ़कर 81,596.63 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 835.2 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 129.55 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,813.45 अंक पर बंद हुआ। जानकारों ने कहा, बाजार ने आज व्यापक रूप से सकारात्मक रुख दिखाया।
हालांकि, कुल मिलाकर धारणा सीमित दायरे में रही। यह दर्शाता है कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच निकट भविष्य में बाजार में तेजी पर बेचने' की रणनीति का जोखिम बना हुआ है। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, नेस्ले, टाटा मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर और महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पावर ग्रिड और आईटीसी शामिल हैं। मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.90 प्रतिशत के लाभ में रहा, जबकि छोटी कंपनियों से जुड़ा स्मॉलकैप 0.51 प्रतिशत चढ़ गया। बीएसई में सूचीबद्ध 2,292 शेयर लाभ में रहे, जबकि 1,685 में गिरावट दर्ज की गयी। वहीं 138 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे, जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। अमेरिकी शुल्क से निपटने में भारत बेहतर स्थिति में: मूडीज साख निर्धारित करने वाली एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने बुधवार को बयान में कहा कि भारत, अमेरिकी शुल्क एवं वैश्विक व्यापार बाधाओं के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है। इसका कारण घरेलू वृद्धि को गति देने वाले कारक और निर्यात पर कम निर्भरता है, जिससे अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है। एजेंसी ने भारत पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि निजी खपत को बढ़ावा देने, विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने की सरकारी पहल से वैश्विक मांग के कमजोर होते परिदृश्य की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
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