बोले आगरा, पलायन रोकने पर ही निकलेंगे खिलाड़ियों की खान से ‘हीरे
Agra News - आगरा में खेल संघों के पदाधिकारियों ने खिलाड़ियों के विकास के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की है। उन्होंने सरकार की उदासीनता और स्मार्ट सिटी फंड से खेल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। सभी ने मिलकर...

आगरा, वरिष्ठ संवाददाता। आगरा में खेलों और खिलाड़ियों के विकास के लिए केवल सरकारी मदद काफी नहीं है। इसके लिए खेल संघों को सकारात्मक इच्छाशक्ति के साथ आगे आना होगा। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस से पहले जिला ओलंपिक संघ के बैनर तले विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों ने परिचर्चा की। इसमें सभी ने खेलों की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। जिला ओलंपिक संघ अध्यक्ष डॉ. हरी सिंह यादव ने कहा कि बिना बेहतर सुविधाओं के खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने बताया कि जिलास्तर पर खेल संघों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती, फिर भी वे अपने संसाधनों से कार्य कर रहे हैं।
सचिव राहुल पालीवाल ने बताया कि बैडमिंटन संघ साल में 10 प्रतियोगिताएं आयोजित करता है, जिनमें प्राइजमनी और स्कॉलरशिप दी जाती है। जनवरी 2026 में 2500 खिलाड़ियों की नेशनल वेटरन बैडमिंटन चैम्पियनशिप होगी। बैडमिंटन संघ चेयरमैन विनोद सीतलानी ने कहा कि संघ सक्रिय रहेगा तो सुविधाएं भी विकसित होंगी। तैराकी संघ सचिव उमेश शर्मा ने जनप्रतिनिधियों और उद्योगपतियों से सहयोग की अपील की। उन्होंने दोहराया कि खेल संघ का दायित्व पार्ट टाइम नहीं, फुलटाइम जॉब है। हॉकी अध्यक्ष राजीव सोई ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों का पलायन बढ़ रहा है। सचिव संजय गौतम ने आबादी के अनुपात में शहर के हर कोने में स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की जरूरत बताई। जनप्रतिनिधियों का समर्थन नहीं मिल रहा आगरा के खेल संघों के पदाधिकारियों ने परिचर्चा में जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर नाराजगी जताई। बताया गया कि आगरा में 11 विधायक/एमएलसी और चार सांसद हैं, लेकिन कोई भी खिलाड़ी हित में गंभीर नहीं है। एक पदाधिकारी ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब जीआईसी मैदान पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की मांग लेकर एक जनप्रतिनिधि से मिले, तो जवाब मिला—‘इसे मेले-प्रदर्शनी के लिए छोड़ दो। इससे साफ है कि जनप्रतिनिधियों का खेलों को लेकर नजरिया क्या है। सभी ने निर्णय लिया कि जिला ओलंपिक संघ के नेतृत्व में एकजुट होकर सभी जनप्रतिनिधियों से मिलकर आगरा में खेल सुविधाओं के विकास की मांग की जाएगी। बैठक में सहमति बनी कि अब खेल संघ सिर्फ इंतजार नहीं करेंगे बल्कि योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करेंगे। स्मार्ट सिटी फंड से खेलों को लाभ नहीं खेल संघों के पदाधिकारियों ने कहा कि आगरा में स्मार्ट सिटी परियोजना के फंड से खेल सुविधाएं विकसित नहीं हुईं, जबकि लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों में खेल ढांचा मजबूत हुआ है। पूर्व क्रिकेटर तपेश शर्मा और बास्केटबॉल संघ के संयुक्त सचिव डॉ. रीनेश मित्तल ने कहा कि यदि संगठित प्रयास होते तो स्मार्ट सिटी फंड से आगरा को एक बेहतर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मिल सकता था। यह चूक स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी को दर्शाती है। अब वक्त है कि सभी खेल संघ एक मंच पर आकर आगरा के लिए मजबूत मांग उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि जिला ओलंपिक संघ के नेतृत्व में सभी खेल संघ संगठित प्रयास करें, तो आगरा में खेल ढांचे को सुधारा जा सकता है। यह खिलाड़ियों के भविष्य के लिए जरूरी है। खेल शिक्षकों की भर्ती नीति बदले सरकार पदाधिकारियों ने कहा कि यदि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी की दौड़ में है, तो उसे खेल संरचना सुधारनी होगी। इसके लिए सरकार को स्कूलों और कॉलेजों में खेल शिक्षकों की भर्ती नीति में बदलाव करना चाहिए। बीपीएड, एमपीएड जैसी शैक्षणिक डिग्री रखने वाले लेकिन खेल मैदान से दूर नॉन-प्लेयर शिक्षक खेलों को आगे नहीं बढ़ा सकते। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यदि खेल शिक्षक बनें तो वे उभरते खिलाड़ियों को मैदान का व्यवहारिक ज्ञान दे सकते हैं। इन पदाधिकारियों का कहना था कि किताबी ज्ञान से ज्यादा जरूरी है—अनुभव और तकनीकी प्रशिक्षण। सरकार को चाहिए कि वह नियमों में बदलाव कर योग्य खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे। यह कदम खेलों को जमीनी स्तर पर मजबूती देगा और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाने में सहायक बनेगा। इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की जरूरत वरिष्ठ कबड्डी खिलाड़ी सत्यदेव पचौरी ने कहा कि अब वॉलीबॉल, बैडमिंटन, ताइक्वांडो, शूटिंग जैसे खेल इंडोर हो गए हैं, लेकिन आगरा में पर्याप्त इंडोर हॉल नहीं हैं। मल्टीपर्पज इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाना समय की मांग है। पूर्व कार्फबॉल खिलाड़ी वीरेन्द्र वर्मा ने कहा कि ताजनगरी को यदि जल्द आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स नहीं मिले तो खेल विकास पिछड़ जाएगा। जिला योग संघ सचिव रोहन चौधरी ने भी इस मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं नहीं मिलीं तो प्रतिभाएं दूसरे शहरों की ओर पलायन करेंगी। आगरा जैसे शहर को प्रत्येक जोन में कम से कम एक मल्टीपर्पज इंडोर हॉल मिलना चाहिए। इससे खिलाड़ियों को अभ्यास के बेहतर अवसर मिलेंगे और वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। ताजनगरी को अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम चाहिए परिचर्चा में आगरा में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। डॉ. हरी सिंह यादव ने बताया कि वर्ष 2004 में इसकी घोषणा हुई थी। किरावली, कुबेरपुर और कलाल खेरिया में जगह तलाशी गई, परंतु कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वर्ष 2012–13 में एक बार फिर प्रयास हुए, लेकिन ठोस परिणाम नहीं निकले। पदाधिकारियों ने कहा कि 20 वर्षों से स्टेडियम का सपना अधूरा है। अब सभी खेल संघों को एकजुट होकर इस मुद्दे को फिर से मजबूती से उठाना होगा। उन्होंने मांग की कि सरकार आगरा के खेल इतिहास, खिलाड़ियों की संख्या और प्रतिभा को ध्यान में रखकर यहां एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम स्थापित करे। यह न सिर्फ खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि ताजनगरी की छवि भी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा। आगरा ने देश को दिए हैं कई अर्जुन अवार्डी आजादी के बाद से अब तक आगरा ने कई अर्जुन अवाडीं दिए हैं। यहीं मौजूदा दौर में आगरा के कई पुरुष और महिला क्रिकेटर अन्तरराष्ट्रीय फलक पर नाम रोशन कर रहे हैं। जगबीर सिंह (अर्जुन अवाडी) स्व. अजीत भदौरिया (अर्जुन अवार्डी) रतन सिंह (एशियन गेम्स मेडलिस्ट) अंकित शर्मा (रियो ओलंपिक के प्रतिमागी) यश कुमार (पेरिस पैरा ओलपिक प्रतिभागी) जतिन कुशवाह (पैरा एशियन गेम्स प्रतिभागी) पुनम यादव, महिला क्रिकेटर (अर्जुन अवार्डी) दीप्ति शर्मा, महिला क्रिकेटर (अर्जुन अवार्डी) दीपक चाहर, अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेटर राहुल चाहर, अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेटर सोनिया शर्मा, अन्तरराष्ट्रीय पैराशूटर हरदीप सिंह हीरा, अन्तरराष्ट्रीय पॉवरलिफ्टर बोले आगरा के वर्जन खेल सुविधाओं को बढ़ाने से ही खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी। जरूरत है सभी को एकजुट होकर खेल सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रयास करने की। सभी को इस दिशा में जल्द काम शुरू करना होगा। राहुल पालीवाल स्पोर्ट्स इंफ्रास्टक्चर को बढ़ाना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के साथ एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक की जरूरत है। स्कूलों में खेल सुविधाएं बढ़ानी होंगी। खेल संघ व पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी से अपना काम करना होगा। डॉ. हरी सिंह यादव आगरा में खेलों व खेल सुविधाओं के विकास के लिए सरकारी मदद के साथ-साथ इच्छाशक्ति की जरूरत है। यदि खेल संघ सकारात्मक इच्छाशक्ति से अपने खेल और खिलाड़ियों के साथ आगे बढ़ेंगे तो सफलता मिलेगी। राजीव सोई खेल संघ का दायित्व किसी भी पदाधिकारी के लिए पार्ट टाइम नहीं फुलटाइम जॉब है। खेल आज की जरूरत है। रकार पर निर्भर रहने के बजाए खुद के संसाधन विकसित करके अपने खेल को आगे बढ़ाना होगा। उमेश शर्मा सुविधाओं के लिए सरकार की ओर देखना बंद करके खेल संघों को अपने संसाधन विकसित करके आगे बढ़ना होगा। शौकिया खेल प्रेमियों को खेल संघों से जोड़कर उभरते हुए खिलाड़ियों को सभी तरह की मदद करनी होगी। रूपेश अग्रवाल कोई भी खिलाड़ी आज बिना बेहतर खेल सुविधाओं के आगे नहीं बढ़ सकता। खिलाड़ी को समय से सुविधाएं नहीं मिलीं तो वह पलायन कर जाता है। हमें इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर उन्हें सुविधाएं देकर पलायन से रोकना होगा। देवजीत घोष ताजनगरी को एक स्टेडियम नहीं शहर के प्रत्येक कोने में स्टेडियम/स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की जरूरत है। शहर की आबादी के हिसाब से शहर के सभी कोनों पर खेल सुविधाएं विकसित करनी होंगी। संजय गौतम आगरा जनपद में 11 एमएलए/एमएलसी, चार सांसद मौजूद हैं। परंतु ताजनगरी के खिलाड़ियों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है। हमें जनप्रतिनिधियों पर दवाब बनाकर ताजनगरी में खेल सुविधाएं विकसित करानी होंगी। वीरेन्द्र वर्मा सरकार को स्कूलों व कॉलेजों में खेल शिक्षकों की भर्ती की नीतियों में बदना होगा। बीपीएड, एमपीएड जैसी किताबी ज्ञान वाली डिग्रियों वालों की जगह मैदान पर पसीना बहाने वाले खिलाड़ियों को खेल शिक्षक के रूप में भर्ती करें। तपेश शर्मा स्मार्ट सिटी के फंड से खेल सुविधाओं को बढ़ाने का प्रयास नहीं हुआ। प्रदेश के जिन शहरों में स्मार्ट सिटी के काम हुए हैं, वहां उसके फंड से खेल सुविधाएं भी विकसित हुई हैं। हमें आगरा में भी इसके लिए प्रयास करने चाहिए। रोहन चौधरी ताजनगरी में अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के लिए गंभीरता से प्रयास करने चाहिए। यहां अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बना तो शहर में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और खिलाड़ियों का भी बहुत फायदा होगा। जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। सत्यदेव पचौरी आगरा के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से खेल सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए। वह अपने वोटों से ही जीतते हैं। यदि आगरा के खिलाड़ी देश-विदेश में पदक जीतेंगे तो जनप्रतिनिधियों के प्रयासों की भी सराहना तो होगी ही। पंकज शर्मा
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