जिला जज की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने में कोई अड़चन नहीं : शीर्ष कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र को 61 वर्ष तक बढ़ाने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से अपने प्रशासनिक पक्ष के...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट अपने प्रशासनिक पक्ष के मुद्दे पर दो महीने में निर्णय ले नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मध्य प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाकर 61 वर्ष करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मध्य प्रदेश जज संघ की दलीलों पर गौर किया और हाईकोर्ट से कहा कि वह अपने प्रशासनिक पक्ष के मुद्दे पर दो महीने में निर्णय लेने का प्रयास करे। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश गवई ने अखिल भारतीय जज संघ मामले में तेलंगाना सरकार द्वारा दायर अर्जी पर अपने हालिया आदेश का हवाला दिया।
उस मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट ने जिला जज की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 61 वर्ष करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा था। अदालत ने कोई कानूनी अड़चन न पाते हुए इसकी अनुमति दे दी थी। इस आधार पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आदेश के मद्देनजर, हमें नहीं लगता कि मध्य प्रदेश सरकार को राज्य में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 61 वर्ष तक बढ़ाने की अनुमति देने में कोई अड़चन होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्ति उम्र में ऐसी कोई भी वृद्धि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रशासनिक पक्ष के निर्णय के अधीन होगी। इसमें कहा गया कि यदि हाईकोर्ट आयु सीमा बढ़ाकर 61 वर्ष करने का निर्णय लेता है तो इसकी अनुमति दे दी जाएगी।
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