‘सड़क हादसा पीड़ितों के लिए कैशलेस योजना प्रभावी तरीके से लागू करे केंद्र
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सड़क हादसे के पीड़ितों के लिए त्वरित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कैशलेस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का आदेश दिया है, जिसके तहत पीड़ितों को 1.5...

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से सड़क हादसे के पीड़ितों को त्वरित यानी ‘गोल्डन ऑवर में समुचित इलाज मुहैया कराने को एक सप्ताह में कैशलेस योजना को सही अर्थों में (प्रभावी तरीके से) लागू करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने यह निर्देश तब दिया, जब केंद्र ने कहा कि हादसा पीड़ितों के लिए कैशलेस योजना अधिसूचित कर दी गई है। केंद्र ने कहा कि इस योजना के तहत पीड़ितों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। जस्टिस अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने इसके बाद योजना को सही अर्थों में यानी प्रभावी तरीके से लागू करने और इसके समुचित क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार को अगस्त, 2025 के अंत तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
पीठ ने हलफनामे में, उन सड़क हादसा पीड़ितों के बारे में भी जानकारी देने को कहा, जिन्हें इस दौरान कैशलेस इलाज मिला हो। पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि सड़क हादसा पीड़ितों को समय से समुचित इलाज देने के लिए कैशलेस योजना को अधिसूचित करने के साथ ही, इसे 5 मई से लागू कर दिया गया है। पीठ को बताया कि केंद्र की अधिसूचना के तहत किसी भी सड़क पर मोटर वाहन दुर्घटना का शिकार होने वाला कोई भी व्यक्ति इस योजना के प्रावधानों के अनुसार 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार का हकदार होगा। इस योजना को अधिसूचित करने में हो रही देरी पर, सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया था। इसके बाद, शीर्ष अदालत में पेश हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने यह भरोसा दिया था कि योजना एक सप्ताह में लागू कर दी जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।