एक पाली में नीट पीजी आयोजित करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एनबीई को नीट-पीजी 2025 की परीक्षा एक पाली में आयोजित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से मनमानी बढ़ेगी और छात्रों को समान अवसर नहीं मिलेगा।...

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी)-2025 एक पाली में आयोजित करने का आदेश दिया है। जस्टिस विक्रमनाथ, संजय कुमार और एन.वी. अंजारिया की पीठ ने एनबीई के अधिकारियों को एक पाली में नीट पीजी 2025 आयोजित करने के लिए समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया। पीठ ने इसके लिए एनबीई को सुरक्षित परीक्षा केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि किसी भी दो प्रश्नपत्रों को कभी भी समान कठिनाई या सरलता वाला नहीं कहा जा सकता। पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा नीट पीजी-2025 दो पालियों में कराने के लिए जारी अधिसूचना रद्द करते हुए यह आदेश दिया है।
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने 5 मई को इस साल नीट-पीजी 15 जून को कंप्यूटर आधारित प्लेटफॉर्म पर दो पालियों में आयोजित करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। पीठ ने एनबीई की उन दलीलों को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करने की तैयारी के लिए अब समय नहीं है। शीर्ष अदालत ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि ‘नीट-पीजी दो पालियों में आयोजित करने से न सिर्फ मनमानी को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्रतिभागियों को समान अवसर भी नहीं मिलेगा। परीक्षा पूरे देश में होती है, एक शहर में नहीं : जस्टिस नाथ जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि नीटी पीजी के लिए आवेदन करने वाले कुल प्रतिभागियों की संख्या 2,42,678 है और यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जाती है, न कि किसी एक शहर में। उन्होंने कहा कि ऐसे में देश में तकनीकी प्रगति को देखते हुए हम यह स्वीकार करने के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए बोर्ड को पर्याप्त केंद्र नहीं मिल पाया। सुप्रीम कोर्ट डॉ. अदिति सहित 7 डॉक्टरों की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। केंद्रों की पहचान को दो सप्ताह का समय है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनबीई और अन्य प्रतिवादियों की ओर से कहा कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की पहचान करने में देरी हो सकती है। पीठ ने कहा कि इस तर्क को भी स्वीकार नहीं किया जाता है क्योंकि पर्याप्त संख्या में केंद्रों की पहचान करने के लिए अभी दो सप्ताह का समय है। समय विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं पीठ ने कहा कि यदि प्रतिवादियों को लगता है कि वे आवश्यक संख्या में परीक्षा केंद्रों की पहचान करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे समय विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं और अदालत इस पर विचार करेगी। उत्तर कुंजी मामले पर परीक्षा के बाद विचार शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका में उठाया गया दूसरा मुद्दा एनबीईएमएस की वेबसाइट पर परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद प्रश्न-पत्र और उत्तर कुंजी के खुलासे से संबंधित है, ऐसे में इस बारे में परीक्षा आयोजन के बाद विचार किया जाएगा।
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