Supreme Court Petition Filed for Investigation and Compensation in Airplane Accident ब्यूरो-- विमान हादसा: एयर इंडिया विमान हादसे की जांच और मुआवजे की मांग को लेकर डॉक्टरों सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, Delhi Hindi News - Hindustan
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ब्यूरो-- विमान हादसा: एयर इंडिया विमान हादसे की जांच और मुआवजे की मांग को लेकर डॉक्टरों सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली में दो डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में विमान हादसे की उचित जांच और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय समिति गठित करने और सभी पीड़ितों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 June 2025 09:42 PM
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ब्यूरो-- विमान हादसा: एयर इंडिया विमान हादसे की जांच और मुआवजे की मांग को लेकर डॉक्टरों सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। विमान हादसे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दो डॉक्टरों ने देश के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई को पत्र लिखकर इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेने और हादसे के कारणों की समुचित जांच का आदेश देने की मांग की है। डॉक्टरों ने पीड़ितों को केंद्र सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा देने का आदेश देने का आग्रह किया है। डॉ. सौरव कुमार और डॉ. ध्रुव चौहान ने सीजेआई को भेजे पत्र में कहा है कि सक्षम प्राधिकार को इस घटना की गहन जांच के बाद समुचित कदम उठाने का आदेश देने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।

अधिवक्ता सत्यम सिंह राजपूत के जरिए सीजेआई गवई के समक्ष दाखिल पत्र याचिका में त्रिवेणी कोडकनी बनाम एयर इंडिया लिमिटेड और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के 2020 के फैसले का हवाला देकर मुआवजे की गणना के लिए निर्धारित सिद्धांतों के तहत सभी पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश देने की मांग की। इस फैसले में, शीर्ष अदालत ने 2010 के मैंगलोर विमान हादसे से संबंधित मामले में मुआवजा सुनिश्चित करने के सिद्धांत निर्धारित किए थे। सीजेआई गवई को भेजे पत्र में सभी विमान हादसे में मारे गए सभी पीड़ितों (यात्रियों, चालक दल और छात्रावास में रहने वाले मेडिकल छात्र और अन्य) को अंतरिम तौर पर 50 लाख रुपये के मुआवजे का तत्काल भुगतान करने का आदेश देने की मांग की गई है। पूर्व जज की अगुवाई उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग पत्र में दोनों डॉक्टरों ने विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार को उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की है। समिति में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के पूर्व जजों के अलावा विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ और मुआवजे की रकम के सही निर्धारण के लिए बीमा और आर्थिक मामलों के जानकारों को शामिल करने की मांग की है। याचिका में शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार और अन्य सम्बंधित प्राधिकार को हादसे के मूल कारणों की विस्तृत जांच कर समुचित कदम उठाने का आदेश देने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे दोबारा न हो। ये है मुआवजे की गणनना का फार्मूला सुप्रीम कोर्ट ने 2020 के फैसले में विमान हादसे में पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए थे जो इस प्रकार है। आय की गणना: कर्मचारी पर कंपनी की कुल लागत (सीटीसी) को मुआवजे की गणना के प्रयोजनों के लिए वार्षिक आय के रूप में माना जाना चाहिए, न कि टेक-होम वेतन। भविष्य की संभावनाएं: 40-50 वर्ष के उम्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य की संभावनाओं के लिए 30 फीसदी की वृद्धि, अन्य आयु समूहों के लिए आनुपातिक समायोजन के साथ व्यक्तिगत खर्च: आश्रितों की संख्या के आधार पर व्यक्तिगत खर्चों के लिए उपयुक्त कटौती (2-3 आश्रितों के लिए 1/3), 3 से अधिक आश्रितों के लिए (1/4)। इसके अलावा, मुआवजे की रकम पर हादसे के दिन से ही 7.5 फीसदी ब्याज और गैर-आर्थिक क्षति के लिए अतिरिक्त मुआवजा देने का प्रावधान किय गया था।

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