नए नोएडा में अवैध कॉलोनियां लगाएंगी अड़ंगा? कई गांवों में हो रहे निर्माण; प्राधिकरण का क्या प्लान
नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। वर्ष 2023-27 तक 3165 हेक्टेयर को विकसित करना है। योजना में कुल 80 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है। सबसे पहले 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण करना जिला प्रशासन और प्राधिकरण के लिए कठिन साबित हो रहा है। इसके लिए अब तक मुआवजा दर भी तय नहीं हो सकी है। वहीं, इसके विकास के लिए चिह्नित गांवों में इन दिनों बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। साथ ही इन गांवों की जमीनों को आबादी में दर्ज कराने का भी खेल जारी है।
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए शासन ने जनवरी 2021 में दादरी-नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) की घोषणा की थी। नए नोएडा के विकास के लिए अक्टूबर 2024 में शासन ने अधिसूचना जारी की और इसके विकास का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को सौंपा था। प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर चुका है, लेकिन अब तक अधिग्रहण शुरू नहीं हो सका।
नए नोएडा में गौतमबुद्ध नगर के अलावा, बुलंदशहर के भी कई गांव शामिल हैं। मुआवजे की दर दोनों जिलों के प्राधिकरण और प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में तय होनी है। इसके लिए लंबे समय से किसानों से वार्ता भी चल रही है, लेकिन अब तक मुआवजा दर घोषित नहीं हो सकी है। मुआवजे को लेकर क्या दरें रखी जाएं, इसके लिए नोएडा प्राधिकरण की समिति अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार कर रही है।
अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड से जो दरें तय होंगी उस हिसाब से ही किसानों से जमीन ली जाएगी। जमीन अधिग्रहण की शुरुआत सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से करने का दावा है। नए नोएडा की घोषणा होने के बाद यहां अवैध कॉलोनियां बसने के साथ ही पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दादरी बाईपास के आसपास वेयर हाउस भी बन गए हैं। इनका निर्माण लगातार जारी है। वहीं, अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए प्राधिकरण अतिक्रमण हटाओ दस्ते का गठन तक नहीं कर सका है। दावा है कि नए नोएडा के लिए चिह्नित भूमि में से एक चौथाई भूमि पर अवैध निर्माण हो चुके हैं।
गांवों में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाएगा
अधिकारियों के अनुसार, नए नोएडा को लेकर जारी नोटिफिकेशन के बाद अधिसूचित क्षेत्र में हुए निर्माण को अवैध माना जाएगा। इन्हें प्राधिकरण और प्रशासन की टीम बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करेगी। अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। प्राधिकरण ने बुलंदशहर के डीएम और जिला पंचायत को पत्र लिखकर कहा है कि किसी भी निर्माण का नक्शा पास न किया जाए।
21 हजार हेक्टेयर में बनना है शहर
नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। वर्ष 2023-27 तक 3165 हेक्टेयर को विकसित करना है। 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया विकसित होगा। 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने की योजना प्राधिकरण ने तैयार की है।
दफ्तर के लिए भी जमीन नहीं मिली
नया नोएडा शासन की प्राथमिकता में है। करीब दो हजार वर्ग मीटर में बनने वाले दफ्तर के लिए भी अब तक जमीन नहीं मिली है। अक्टूबर महीने से ही भूलेख विभाग ने जमीन देखनी शुरू कर दी थी। 18 नवंबर को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम सहित अन्य अधिकारी गांवों में जमीन की स्थिति देखने गए थे। सीईओ ने निर्देश दिया कि जोखाबाद या सांवली गांव के पास प्राधिकरण के अस्थायी दफ्तर के लिए जमीन ली जाएगी।
नोएडा की तर्ज पर मुआवजा देने की मांग
मुआवजा राशि तय करना भी प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है। सिकंदराबाद क्षेत्र के इन गांवों में 800 से लेकर 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक मुआवजा राशि है, जबकि नोएडा में यह राशि 5400 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक है। यहां के किसान नोएडा के बराबर मुआवजा राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए प्राधिकरण तैयार नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि नोएडा शहर विकसित हो चुका है। यहां के बराबर मुआवजा राशि दिया जाना संभव नही हैं।
पहले फेस में 15 गांव शामिल
योजना में कुल 80 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है। सबसे पहले 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, प्रत्येक गांव में करीब 200 किसान परिवार है। यानी कुल 16 हजार किसान परिवार हैं, जिनके साथ बैठक कर मुआवजे पर निर्णय होगा। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इन गांवों के प्रधान से बातचीत की गई है। यहां आपसी समझौते के आधार पर जमीन किसानों से खरीदने का प्रयास है।
मनीष वर्मा, जिलाधिकारी, गौतमबुद्ध नगर, ''नए नोएडा में जमीन की दरें तय करने की प्रक्रिया चल रही है और प्राधिकरण के अधिकारी भी इसमें जुटे हैं। जल्द ही इसके लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।''