चीनी प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर नियमित सुनवाई शुरू
ट्रेडिंग ऐप के नाम पर 12 सौ करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में 22 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 11 चीनी नागरिक शामिल हैं। एसटीएफ ने जांच में कई फर्जी कंपनियों का खुलासा किया है जो ठगी के पैसे को...

ट्रेडिंग ऐप के नाम पर देशभर में 12 सौ करोड़ से अधिक की ठगी की थी मामले में 22 लोग पकड़े जा चुके, आरोपी जिंडी ने जल्द सुनवाई की मांग की थी नोएडा, विशेष संवाददाता। लोन, गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप के नाम पर देशभर में 12 सौ करोड़ से अधिक की ठगी करने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर अब नियमित सुनवाई चल रही है। इस प्रकरण में 11 चीनी नागरिकों समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ ही पूरे मामले की जांच कर रही है। एसटीएफ के अधिकारियों क अनुसार इस गैंग की जांच में फर्जी पासपोर्ट बनाने और देश में होने वाली साइबर ठगी के मामले में कई खुलासे हुए थे।
सौ से अधिक ऐसी कंपनियों के बारे में भी पता चला था, जो देश में होने वाली साइबर ठगी के पैसे को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेज रहे थे। इस प्रकरण में गिरफ्तार चीनी नागरिक जिंडी ने इलाहबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी डाली थी। मामले में सुनवाई तेज करने की अपील की थी। हाईकोर्ट ने न्यायालय को इस प्रकरण में जल्द सुनवाई कर एक साल में मामले में निस्तारण के आदेश दिए थे। इसके बाद सूरजपुर स्थित न्यायालय में नियमित सुनवाई चल रही है। इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए सभी चीनी नागरिक अभी जेल में हैं। उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है। -------------------- कई एजेंसियां जांच में जुटीं नोएडा में पकड़े गए चीन के नागरिकों के गिरोह को लेकर देश की कई एजेंसियों जांच कर रही हैं। विभिन्न राज्यों में इस मामले में मुकदमे भी दर्ज हैं। इसकी जांच में नोएडा एसटीएफ और आईबी समेत देश की अन्य सुरक्षा एजेंसियां जुटी हैं। उनके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, नागालैंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम और दिल्ली की एजेंसियां भी जांच कर रही हैं। ---------- गैंग ने विदेश में बनाए सेंटर नोएडा में एसटीएफ ने 11 चीनी नागरिकों के एक गैंग को पकड़ा था। इसके तीन प्रमुख सदस्य देश छोड़कर जा चुके हैं। उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी है। यह गैंग लोन, गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप आदि के माध्यम से हजारों करोड़ की ठगी की थी। ठगी के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया था। एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ था कि इस गिरोह का मास्टर माइंड चीन का नागरिक जिंडी है। उसने भारत आकर पांच साल पहले ठगी का पूरा नेटवर्क तैयार किया था। गिरोह में उसने भारत ठगों को भी मिलाया। जांच अधिकारियों का कहना है कि गिरोह विदेश में भी अपना सेंटर स्थापित कर चुका है। वहीं से यह ठग कंपनी संचालित कर रहे हैं। ------------------- हैदराबाद के बाद जिले में सबसे अधिक चीनी गैंग सक्रिय नोएडा एसटीएफ की जांच में खुलासा हो चुका है कि चीन के ठग गैंग की सबसे अधिक सक्रियता हैदराबाद और गौतमबुद्ध नगर जिले में है। गिरोह की जांच में सबसे अहम नाम जिंडी का सामने आया था। जिंडी के खिलाफ पहला मुकदमा हैदराबाद में दर्ज हुआ था। 16 अक्तूबर 2022 को नोएडा एसटीएफ ने गोरो ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले दो चाइनीज को गिरफ्तार किया था। इस ऐप को बनाने वाले लि जोहंगजुन के बारे में पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसे साइबर क्राइम के ही एक मामले में हैदराबाद पुलिस ने 29 सितंबर को पकड़ा था। वह तभी से हैदराबाद की जेल में बंद है। उनके साथ होटल में ही रहकर ऐप का काम करने वाली महिला साथी जेहंगयान वर्तमान में नोएडा छोड़ चुकी है। वह नेपाल में बैठ कर पूरा काम संभाल रही है। ---------------------- यह है मामला बगैर पासपोर्ट-वीजा चोरी से काठमांडू के रास्ते देश में आए चीन के दो नागरिकों को 11 जून 2022 की शाम को बिहार के सीतामढ़ी स्थित नेपाल बॉर्डर पर पकड़ा गया। दोनों के चीनी जासूस होने का शक था। पूछताछ में सामने आया कि ये चोरी से 24 मई को भारत की सीमा में दाखिल हुए। इसके बाद टैक्सी से नोएडा आए। नोएडा में 17 दिन तक रहे और वहीं से वापस जा रहे थे। इसके बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस ने गुरुग्राम के फाइव स्टार होटल से सुफाइ और उसकी नागालैंड की प्रेमिका पेटेख रेनुओ को गिरफ्तार किया। उनके पास से भारत में दार्जिलिंग से तैयार किया गया फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड बरामद हो चुका है। उसके बाद अभी तक इस मामले में 11 चीनी नागरिकों समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपियों ने सौ से अधिक फर्जी कंपनियों के माध्यम से ठगी के पैसे को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेजा था।
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