ग्रेनो वेस्ट में नहीं पहले बोड़ाकी तक दौड़ेगी मेट्रो
ग्रेनो डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो को अगले सप्ताह मंजूरी मिलने की उम्मीद नोएडा। विशेष

नोएडा, विशेष संवाददाता। ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो चलाने की लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन ग्रेनो वेस्ट से पहले ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से लेकर बोड़ाकी तक मेट्रो चलेगी। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में केंद्र से मंजूरी मिलते ही इसके निर्माण की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। जिले में ग्रेटर नोएडा वेस्ट, बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक तीन नए मेट्रो के रूट पर काम चल रहा है। इनकी डीपीआर भी सरकार को भेजी जा चुकी है। अगले सप्ताह होने वाली केंद्रीय बैठक में बॉटनिकल गार्डन से सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो के दो प्रोजेक्ट की प्रेजेंटेशन के लिए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को बुलाया गया है।
लेकिन, ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो चलाने के बारे में कोई चर्चा नहीं है। केंद्र सरकार से इसी महीने ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यह 2.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक होगा। केंद्र की मंजूरी के बाद नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) इस रूट के लिए डिजाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति करेगा। इसके बाद निर्माण शुरू करने के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। एनएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि यह एक्वा लाइन का एक्सटेंशन रूट होगा। अभी एक्वा लाइन पर नोएडा के सेक्टर-51 से ग्रेनो के डिपो मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो चल रही है। अब ग्रेनो डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो जाएगी। इस रूट पर जुनपत और बोड़ाकी सिर्फ दो मेट्रो स्टेशन होंगे। बोड़ाकी में बड़ा स्टेशन बनाया जाएगा। जिले में मेट्रो का यह सबसे छोटा रूट होगा। इस पर करीब 416 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका बजट पांच सौ करोड़ से कम होने के कारण इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी मिलने की भी आवश्यकता नहीं है और इस पर शीघ्र काम प्रारम्भ हो सकेगा। बोड़ाकी रूट को मंजूरी मिलने के बाद अगले एक-दो महीने में कैबिनेट से सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन रूट को भी मंजूरी मिल सकती है। वहीं, अगले चरण में नोएडा से ग्रेनो वेस्ट रूट को मंजूरी मिलेगी। -------------- काम शुरू होने पर तीन वर्ष में मेट्रो चलने लगेगी अधिकारियों ने बताया कि अगर केंद्र सरकार से इस महीने बोड़ाकी रूट को मंजूरी मिल जाती है तो अगले महीने डिजाइन कंसल्टेंट के चयन के लिए आरएफपी जारी कर दी जाएगी। डेढ़-दो महीने में एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। इसके बाद कम से कम अगले चार महीने में एजेंसी प्राथमिक रिपोर्ट दे देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर मेट्रो रूट का निर्माण करने के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। इस टेंडर में एजेंसियों को आवेदन करने के लिए कम से कम तीन महीने का समय दिया जाएगा। अगर इस टेंडर में एजेंसी का चयन हो जाता है तो अगले दो से तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के हिसाब से काम शुरू होने में करीब एक साल का समय लगेगा। वहीं, काम शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा। इस रूट पर मेट्रो चलने के शुरुआती साल में करीब 14 हजार राइडरशिप का अनुमान है। इसके बाद यह राइडरशिप बढ़ती चली जाएगी। बोड़ाकी में रेलवे और बस टर्मिनल भी बनेगा बोड़ाकी में बनने वाला स्टेशन बड़ा मेट्रो स्टेशन होगा। वहीं, यहां पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनना है। साथ ही यहां लोगों के ठहरने के लिए होटल भी बनाए जाएंगे। यहां ट्रेन, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस अड्डा और स्थानीय ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां रेलवे और बस टर्मिनल बनाया जाएगा। ऐसे में अधिक संख्या में लोगों की आवाजाही रहेगी। इसको देखते हुए ही इस रूट पर मेट्रो चलाने का निर्णय लिया गया है। ग्रेनो वेस्ट के रूट को दो बार मंजूरी मिल चुकी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो विस्तार प्रोजेक्ट की डीपीआर को प्रदेश सरकार दो बार मंजूरी दे चुकी है। दूसरी बार मंजूरी इसी साल पांच फरवरी को मिली थी। मेट्रो चलने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रह रहे लाखों लोगों द्वारा यहां पर मेट्रो के संचालन के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। 17 किलोमीटर लंबे रूट पर 11 स्टेशन बनाने की योजना है। इस रूट पर मेट्रो का काम शीघ्र प्रारम्भ होने का आश्वासन तो कई बार मिल चुके, लेकिन अब तक इसका काम शुरू नहीं हो सका।
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