पहलगाम हमले के विरोध में दिल्ली में 900 बाजारों की 8 लाख दुकानें बंद, कितने नुकसान का अनुमान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में दिल्ली के बाजार शुक्रवार को बंद रहे। पूरी दिल्ली में 900 से अधिक बाजारों में 8 लाख से ज्यादा दुकानों का शटर डाउन रहा। कपड़ा, मसाले, बर्तन और सर्राफा जैसे विभिन्न व्यापारी संघों ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में दिल्ली के बाजार शुक्रवार को बंद रहे। पूरी दिल्ली में 900 से अधिक बाजारों में 8 लाख से ज्यादा दुकानों का शटर डाउन रहा। कपड़ा, मसाले, बर्तन और सर्राफा जैसे विभिन्न व्यापारी संघों ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं।
पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में दिल्ली के लोकप्रिय शॉपिंग केंद्र जैसे कनॉट प्लेस, सदर बाजार और चांदनी चौक समेत 900 से अधिक बाजार शुक्रवार को सुनसान रहे। व्यापारियों ने 'दिल्ली बंद' का आह्वान किया था। कपड़ा, मसाले, बर्तन और सर्राफा जैसे क्षेत्रों के विभिन्न व्यापारी संघों ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के अनुसार, दिल्ली में 8 लाख से अधिक दुकानें बंद हैं। इससे लगभग 1,500 करोड़ रुपए का व्यापार घाटा होने का अनुमान है। गुरुवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने बंद का आह्वान किया था। सीटीआई ने हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कॉनॉट प्लेस में कैंडल मार्च भी निकाला था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।
सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है। यह आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक रुख है। हम सभी इस लड़ाई में एकजुट हैं और पहलगाम में अपनी जान गंवाने वालों की याद में बंद का आयोजन कर रहे हैं।
गोयल ने सरकार से पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक संबंध खत्म करने और भारत में पाकिस्तानी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील भी की। सदर बाजार में व्यापारियों के संगठन के एक सदस्य ने कहा कि बाजार सुनसान था और यहां तक कि सब्जी और फल विक्रेता भी नहीं आए। सदर बाजार में आमतौर पर दिन के किसी भी समय लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है।
इसी तरह, गांधीनगर में एशिया का सबसे बड़ा थोक रेडीमेड गारमेंट मार्केट पूरी तरह बंद रहा। मार्केट एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि हमले में मारे गए पर्यटकों के लिए न्याय की मांग और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए बंद किया जा रहा है। पहलगाम में मंगलवार को हुआ हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक हमला था।