प्रिंस हत्याकांड की ‘गलत जांच’ पर बड़ा ऐक्शन, गुरुग्राम के पूर्व ACP समेत 4 पुलिसवालों पर चलेगा केस
प्रिंस हत्याकांड मामले की जांच में लापरवाही बरतने और निर्दोष को फंसाने के आरोप में तत्कालीन रिटायर्ड एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलेगा। पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को चारों पुलिसकर्मियों को आरोपी मानते हुए यह आदेश दिया।

प्रिंस हत्याकांड मामले की जांच में लापरवाही बरतने और निर्दोष को फंसाने के आरोप में तत्कालीन रिटायर्ड एसीपी समेत चार पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलेगा। पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को चारों पुलिसकर्मियों को आरोपी मानते हुए यह आदेश दिया।
विशेष सीबीआई अदालत ने आजीवन कारावास की धाराओं में पुलिस कर्मियों पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया। चारों पुलिस कर्मियों को 15 जुलाई को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भी जारी किया गया। इसी दिन इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। बता दें कि 8 वर्षीय प्रिंस की हत्या के बाद गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल में कार्यरत बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने जांच के बाद अशोक को क्लीनचिट दी थी। साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले 12वीं कक्षा के भोलू को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था। प्रिंस हत्याकांड में सीबीआई ने गुरुग्राम के रिटायर्ड डीएसपी/एसीपी सोहना बीरम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी (इंस्पेक्टर) नरेंद्र खटाना, जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और एएसआई सुभाष चंद को आरोपी बनाते हुए साल 2021 में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। चारों के खिलाफ मामला चलाने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इनकार कर दिया। डीएसपी बीरम सिंह और शमशेर सिंह अब रिटायर हो चुके हैं। इंस्पेक्टर रहे नरेंद्र खटाना पदोन्नत होकर डीएसपी बन गए हैं।
भोलू पर बालिग की तरह चल रहा मामला : सीबीआई ने इस मामले में जांच करते हुए स्कूल की 12वीं कक्षा के छात्र को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करने के बाद भोलू को व्यस्क मानकर उस पर गुरुग्राम की अदालत में ट्रायल चल रहा है। इस मामले में 21 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है, जबकि अभी भोलू जमानत पर है।
सितंबर 2017 में छात्र की स्कूल में हत्या कर दी गई
सितंबर 2017 में आठ वर्षीय छात्र प्रिंस की भोंडसी स्थित एक निजी स्कूल के बाथरूम में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। गुरुग्राम पुलिस ने रात को स्कूल के बस कंडस्क्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था, जबकि अशोक और प्रिंस के परिजनों ने इस पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। हत्या के बाद स्कूल के बाहर काफी हंगामा भी हुआ। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रिंस के माता-पिता की मांग पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी
प्रिंस के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति नहीं मिलने पर सीबीआई और प्रिंस के पिता ने वर्ष 2023 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने जनवरी 2025 में हरियाणा सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि एक महीने में दोबारा से नया आदेश पारित करें। पुलिसकर्मियों के खिलाफ काफी साक्ष्य हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार की तरफ से नया आदेश पारित नहीं हुआ। इसके बाद सीबीआई और प्रिंस के पिता ने मई 2025 में सीबीआई की विशेष अदालत में अपील की। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने चारों पुलिसकर्मियों पर मामला चलाने के आदेश दिए।
न्याय मिलना चाहिए
वरिष्ठ वकील मोहित वर्मा ने बताया कि बस कंडक्टर अशोक को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने कोर्ट में लड़ाई लड़ी। कोर्ट ने भी अशोक को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया था। पुलिसकर्मियों पर मुकदमा चलाने का निर्देश इस मामले में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि सही जांच और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।