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MCD में भाजपा की सरकार का रास्ता साफ, अब राजा सिंह का चलेगा इकबाल

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर का ताज इस बार भाजपा के राजा इकबाल सिंह के सिर पर सजने जा रहा है। एमसीडी में सत्तारूढ़ ‘आप’ के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के चलते इस बार मेयर पद भाजपा के पास जाना तय है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। राहुल मानवMon, 21 April 2025 12:36 PM
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MCD में भाजपा की सरकार का रास्ता साफ, अब राजा सिंह का चलेगा इकबाल

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर का ताज इस बार भाजपा के सरदार राजा इकबाल सिंह के सिर पर सजने जा रहा है। एमसीडी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं होने के चलते इस बार मेयर पद भाजपा के पास जाना तय है। दिल्ली के मुखर्जी नगर से भाजपा के पार्षद राजा इकबाल सिंह फिलहाल एमसीडी में विपक्ष के नेता हैं।

एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे। ‘आप’ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस बार आम आदमी पार्टी के मेयर का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है।

भाजपा पार्षद राजा इकबाल सिंह मेयर पद के उम्मीदवार के लिए और नरेला जोन के बेगमपुर से पार्षद जय भगवान यादव डिप्टी पद के लिए आज दोपहर एक बजे निगम सचिव कार्यालय में जाकर नामांकन दाखिल करेंगे।

राजा इकबाल सिंह इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं। वह अभी भाजपा की तरफ से निगम में नेता विपक्ष हैं। साथ ही भाजपा के पार्षद जय भगवान यादव उपनेता विपक्ष के पद पर हैं। वर्तमान में मेयर पद पर 'आप' का कब्जा है। महेश कुमार खिंची ने नवंबर 2024 में केवल 3 वोटों से मेयर का चुनाव जीता था।

राजा इकबाल सिंह का मेयर बनना तय

  • 51 वर्षीय सरदार राजा इकबाल सिंह इससे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर रह चुके हैं। वह अभी भाजपा की तरफ से निगम में नेता विपक्ष हैं।
  • राजा इकबाल सिंह ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से वर्ष 2007-2010 एलएलबी की पढ़ाई की है। इससे पहले नॉर्थ कैंपस दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज से वर्ष 1989-1992 से बीएससी की पढ़ाई की थी।
  • राजा इकबाल सिविल लाइन जोन में वार्ड समिति के पूर्व अध्यक्ष और मुखर्जी नगर वार्ड 13 के पूर्व पार्षद रह चुके हैं।
  • वह दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। पहली बार उन्होंने 2017 में तत्कालीन नॉर्थ एमसीडी का चुनाव जीता था और 2022 में भी वह निगम पार्षद का चुनाव जीते।

पीटीआई के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में ‘आप’ के कई पार्षदों के पार्टी छोड़कर जाने के बाद एमसीडी में भाजपा की संख्या 119 हो गई है। एमसीडी में मनोनीत सांसद और विधायक दोनों ही मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए होने वाले चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।

आगामी 25 अप्रैल 2025 को एमसीडी के नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव होने हैं। भाजपा के पास 117 पार्षद हैं, जबकि ‘आप’ के पास 113 पार्षद हैं। कांग्रेस के 8 पार्षद हैं। अब भाजपा के पास 117 पार्षद, 11 विधायक और सात लोकसभा सांसद को मिलाकर 135 वोट हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 113 पार्षद, तीन विधायक और तीन राज्यसभा सांसद को मिलकर 119 वोट हैं।

एमसीडी के 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल करते हुए एमसीडी पर कब्जा कर लिया था, जबकि भाजपा को 104 वार्ड मिले थे। हालांकि, इस साल 15 फरवरी को ‘आप’ के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

दो बार ‘आप’ के पास रहा मेयर पद

दिल्ली नगर निगम के मौजूदा कार्यकाल का यह तीसरा साल है और अब चौथी बार निगम को वर्ष 2025-26 महापौर 25 अप्रैल को मिलेगा। इससे पहले संयुक्त दिल्ली नगर निगम की पहली मेयर फरवरी 2022 में आम आदमी पार्टी की पटेल नगर से पार्षद डॉ. शैली ओबरॉय चुनी गई थीं। इसके बाद दूसरे मेयर का कार्यकाल अप्रैल 2022 में शुरू हुआ, इसमें फिर से डॉ. शैली ओबरॉय चुनी गईं। इसके बाद नवंबर 2024 में आम आदमी पार्टी के पार्षद महेश कुमार खींची चुने गए।

गौरतलब है कि, केंद्र सरकार ने 22 मई 2022 को पहले तीन नगर निगमों- पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC), और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) को फिर से एक करते हुए एकीकृत दिल्ली नगर निगम बना दिया था।

एमसीडी एक्ट, 1957 (2022 में संशोधित) के अनुसार, निगम को हर साल अपनी पहली बैठक के दौरान अपने सदस्यों में से एक को मेयर और दूसरे को डिप्टी मेयर के रूप में चुनना होगा। एक्ट में यह भी कहा गया है कि मेयर का पद पहले साल में महिला के लिए और तीसरे साल में अनुसूचित जाति के सदस्य के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए।